काफी कम सुना होगा आपने कि कोई मंत्री कभी माफी मांगे। वो भी नियम तोड़ने पर। लेकिन ब्रिटेन की राजनिति में कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल, ब्रिटिश भारतीय मंत्री लिसा नैंडी ब्रिटेन की सरकार में संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्रालय संभालती हैं। उन पर यह आरोप लगा कि उन्होंने इंग्लैंड के नए फुटबॉल रेगुलेटर की नियुक्ति के दौरान देश के सार्वजनिक नियुक्ति नियमों का उल्लंघन किया। हालांकि जांच में यह बात सामने आई कि यह उल्लंघन अनजाने में हुआ।
स्वतंत्र लोक नियुक्ति आयुक्त सर विलियम शॉक्रॉस की रिपोर्ट में कहा गया कि डेविड कोगन की नियुक्ति के दौरान शासन संहिता का उल्लंघन हुआ। कोगन ने करीब 2,900 पाउंड की राशि पांच साल पहले नैंडी के लेबर पार्टी नेतृत्व अभियान में दान की थी। रिपोर्ट में कहा गया कि नैंडी को यह जांच करनी चाहिए थी कि दान देने वाले व्यक्ति की नियुक्ति से कोई हितों का टकराव तो नहीं होगा।
मंत्री का माफीनामा
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नैंडी ने कहा कि उन्हें जैसे ही इन दान की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत इसकी घोषणा की और खुद को प्रक्रिया से अलग कर लिया। नैंडी ने कहा कि मुझे इस गलती का गहरा खेद है। यह जानबूझकर नहीं हुआ। मैं इसके लिए माफी मांगती हूं। उन्होंने कहा कि यह मामला किसी तरह की बेईमानी का नहीं बल्कि एक प्रशासनिक चूक का है।
प्रधानमंत्री स्टार्मर का जवाब
कीर स्टार्मर ने नैंडी की माफी स्वीकार कर ली और कहा कि वह एक ईमानदार व्यक्ति हैं और उन्होंने सद्भावना में काम किया। स्टार्मर ने लिखा कि मुझे पता है कि आप एक ईमानदार इंसान हैं। रिपोर्ट में भी स्पष्ट है कि आपने गलती जानने के बाद तुरंत कदम उठाया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रक्रिया अपेक्षित मानकों पर खरा नहीं उतरी और भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए दिशा-निर्देशों को बेहतर बनाया जाएगा।
विपक्ष का हमला अगली कार्रवाई
सरकार की इस गलती को विपक्ष ने लेबर पार्टी की पारदर्शिता की नीति पर चोट बताया। विपक्षी नेता नाइजेल हडलस्टन ने कहा कि अगर लेबर सच में ईमानदारी और जवाबदेही के अपने सिद्धांतों पर चलना चाहती है, तो इस नियुक्ति को तुरंत रद्द किया जाए। इस विवाद ने प्रधानमंत्री स्टार्मर की कैबिनेट को और भी मुश्किल में डाल दिया है, क्योंकि हाल में दो अन्य मंत्रियों रैचेल रीव्स और एंजेला रेयनर के भी नियम तोड़ने के मामले सामने आए थे।
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