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अंगीठी से अग्निकांड: पिता के सामने ही जिंदा जल गया बेटा… अपने लाल को बचाने के लिए लगाता रहा गुहार अशोक

दिल्ली के वसंत विहार के कुली कैंप में दर्दनाक हादसा हुआ। रैन बसेरा में देर रात आग लग गई। आग में दो लोग जिंदा जल गए। पिता के सामने ही उसका बेटा जिंदा जल गया।

दिल्ली के वसंत विहार के कुली कैंप स्थित रैन बसेरा में आग लगने से 18 साल के अर्जुन और 42 साल के विकास की झुलसकर मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौके पर पहुंची दमकल की चार गाड़ियों ने डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया।

आग बुझाने के बाद तलाशी के दौरान दोनों का शव झुलसी अवस्था में मिला। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि रैन बसेरा के अंदर अंगीठी जलाने की वजह से हादसा हुआ है।
दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि सोमवार तड़के करीब 3.28 बजे पुलिस को वसंत विहार कुली कैंप स्थित रैन बसेरा में आग लगने की सूचना पर स्थानीय पुलिस और दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग रैन बसेरा में फैल चुकी थी और ऊंची-ऊंची लपटें निकल रही थीं।

दमकल कर्मी तुरंत आग बुझाने में जुट गए। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। कुलिंग करने के बाद दमकल कर्मियों ने तलाशी अभियान चलाया और दो लोगों बुरी तरह से झुलसी अवस्था में निकाला। दोनों को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। विकास के परिजनों का पता नहीं चला है।

पिता के सामने ही जिंदा जल गया बेटा
रात करीब साढ़े तीन बजे अचानक पड़ोसी संजय का कॉल आने पर अर्जुन का पिता अशोक हड़बड़ाकर उठा शायद उसे अनहोनी की आशंका थी। संजय ने जैसे ही रैन बसेरे में आग लगने की बात उसे बताई अशोक के होश उड़ गए। वह दौड़ा-दौड़ा रैन बसेरे पर पहुंचा तो देखा कि वहां भयंकर आग लगी थी।

बेटा अर्जुन बचाने की गुहार लगा रहा था। यह देखकर बदहवास अशोक आग में कूदने को तैयार था लेकिन लोगों ने उसे किसी तरह रोका। अशोक रोते रोते कहे जा रहा था कि कोई मेरे लाल को बचा लो, लेकिन कोई भी कुछ न कर सका और अर्जुन की झुलसकर मौत हो गई।

पड़ोसी संजय कुमार ने बताया कि अर्जुन के पिता अशोक रैन बसेरा के पास स्थित शौचालय में काम करते हैं। वहां वह एक कमरे में रहते हैं। अर्जुन इकलौता बेटा था। अर्जुन की मां की मौत हो चुकी है जबकि उसके पिता ने बेटे के भविष्य को देखते हुए दूसरी शादी नहीं की। वह उसे बुढ़ापे का सहारा बताते थे।

अर्जुन कमाने लगा था और रैन बसेरा में रहता था। दोनों पिता-पुत्र की जोड़ी को न जाने किसकी नजर लग गई। संजय बताते है कि जब आग लगी तो वह रैन बसेरा के पड़ोस की झुग्गी में थे। धुएं की बदबू से वह आए तो देखा कि रैन बसेरा में आग लगी है।

घटना के समय रैन बसेरा में आठ लोग मौजूद थे। आग लगते ही छह लोग बाहर आ गए लेकिन रैन बसेरा के दरवाजे पर खड़ी बाइक में लगी आग से अर्जुन और विकास फंस गए।

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