प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहित महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा कि विवाहित महिला पति से तलाक लिए बिना किसी और के साथ लिव इन में नहीं रह सकती। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला मंगलवार को सुनाया है। जानकारी के मुताबिक, एक महिला ने सुरक्षा की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे जस्टिस रेनू अग्रवाल की सिंगल बेंच ने सिरे से खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बगैर तलाक विवाहिता लिव इन में नहीं रह सकती है, ऐसे रिश्तों को मान्यता देने से अराजकता बढ़ेगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले की रहने वाली याची पूजा ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में बताया गया कि याची और उसके लिव इन पार्टनर पहले से शादीशुदा हैं। याची का अपने पहले पति से अभी तलाक नहीं हुआ है। तथ्यों को सुनने के बाद हाई कोर्ट का सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है, इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 2 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
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