जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए ‘खेलो इंडिया’ को एक बार फिर खेल मंत्रालय के लिए केंद्रीय बजट में सबसे अधिक राशि आवंटित हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश केंद्रीय बजट में खेल मंत्रालय के लिए 3,442.32 करोड़ रुपये में से खेलो इंडिया के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह रकम पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 880 करोड़ रुपये के संशोधित आवंटन से 20 करोड़ रुपये अधिक है। इस साल पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से शुरू होगा, जो 11 अगस्त तक चलेगा। राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में अभी दो साल का समय है।
खेल मंत्रालय के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के पिछले चक्र का बजट 3,396.96 करोड़ रुपये था। पिछली बार की तुलना में केवल 45.36 करोड़ रुपये बढ़ाए गए हैं। सरकार ने पिछले कुछ सालों में खेलो इंडिया में भारी निवेश किया है क्योंकि यह कार्यक्रम देश के सभी हिस्सों से प्रतिभाओं को सामने लाने का काम करता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया का वास्तविक आवंटन 596.39 करोड़ रुपये था। अगले साल (2023-24) के बजट में इसे 1,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इसे हालांकि संशोधित कर 880 करोड़ रुपये किया गया था।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2018 की शुरुआत के बाद से सरकार ने इसमें और खेल आयोजनों को जोड़ना जारी रखा है। मंत्रालय ने उसी साल खेलो इंडिया शीतकालीन खेल और 2023 में खेलो इंडिया पैरा खेलों को शुरू करने के साथ 2020 में खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों की शुरुआत की। देश भर में सैकड़ों खेलो इंडिया स्टेट ऑफ एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य प्रतिभाशाली उदीयमान खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करना है। खेलो इंडिया के कई एथलीट वर्तमान में भारतीय ओलंपिक दल में शामिल हैं।
राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार की सहायता में भी 15 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है । यह 2023-24 में 325 करोड़ रुपये से बढ़कर नवीनतम बजट में 340 करोड़ रुपये हो गई है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का बजट भी 795.77 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 822.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें 26.83 करोड़ रुपये का उछाल है। साइ देश भर में अपने स्टेडियमों के रख रखाव अलावा वैश्विक खेल टूर्नामेंट्स के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना का प्रबंधन भी करता है।
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