आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने 45 लाख रुपये लेकर एक यात्री को डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले एजेंट को गिरफ्तार किया है। एजेंट अपने सहयोगियों के साथ एक यात्री को दुबई, सर्बिया और रोमानिया के जरिये फ्रांस की यात्री की व्यवस्था करने में शामिल था। बाद में यात्री अन्य एजेंट की मदद से डंकी रूट के जरिये अमेरिका गया। पासपोर्ट में छेड़छाड़ के बाद पकड़े जाने पर उसे भारत निर्वासित कर दिया गया।
गिरफ्तार एजेंट की पहचान जालंधर के गांव बिली चाओ निवासी सरबजीत सिंह के रूप में हुई है। एयरपोर्ट की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 1 मई की रात पृथ्वीपाल सिंह नाम का यात्री अमेरिका से आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा। उसे अमेरिका से निर्वासित किया गया था। यात्रा दस्तावेज की जांच में पासपोर्ट से छेड़छाड़ की बात सामने आई। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में पृथ्वीपाल सिंह ने बताया कि वह आजीविका के लिए विदेश जाना चाहता था। इस क्रम में वह एजेंट अजीत पाल सिंह से मिला, जिसने 30 लाख में उसे अमेरिका में अवैध प्रवेश कराने का वादा किया। दिसंबर 2021 में अजीत ने सहयोगी संजीव के साथ उसकी दुबई यात्रा की व्यवस्था की, जहां एक महीना रहा। दोनों एजेंटों ने उसके लिए डंकी रूट से सर्बिया, रोमानिया होते हुए फ्रांस की यात्रा की व्यवस्था की। फ्रांस पहुंचने पर पैसों को लेकर एजेंटों से विवाद हो गया। वह 2-3 साल फ्रांस में ही रहा।
यहां उसकी मुलाकात एजेंट हरप्रीत सिंह से हुई, जिसने 15 लाख में कई देशों के जरिये अमेरिका में अवैध यात्रा की व्यवस्था का आश्वासन दिया। हरप्रीत ने सहयोगियों की मदद से नीदरलैंड, पनामा, निकारागुआ, ग्वाटेमाला सहित विभिन्न देशों के जरिये मैक्सिको पहुंचाया, जहां एजेंट के सहयोगी ने उसे जाली वीजा मुहैया करवाया, जिसे पासपोर्ट पर चिपका दिया।
बाद में उसी सहयोगी ने उसे डंकी रूट से अमेरिका में अवैध प्रवेश करवाया। अमेरिका पहुंचने पर यात्री ने एजेंट के कहने पर गोंद लगाकर नकली वीजा वाले पासपोर्ट के पन्ने के साथ छेड़छाड़ की। कुछ दिनों के बाद पृथ्वीपाल को अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ लिया। चार माह हिरासत में रखने के बाद भारत निर्वासित कर दिया गया।
दो एजेंट पहले ही गिरफ्तार
पुलिस ने यात्री की निशानदेही पर दो एजेंटों कपूरथला के बेगोवाल निवासी अजीत पाल और संजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इनके सहयोगी सरबजीत के मामले में शामिल होने की बात सामने आई। उसके बाद पुलिस ने सरबजीत के ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन वह भाग गया।
पुलिस ने निगरानी बढ़ाई और 20 मई को जालंधर से गिरफ्तार कर लिया। उसने गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह 2-3 साल से एजेंट का काम कर रहा था। काम करने के दौरान एजेंट अजीत पाल सिंह और संजीव के संपर्क में आया। जल्दी पैसा कमाने के लिए साथ उनके साथ काम करने लगा। उसने बताया कि अजीत पाल और संजीव के साथ यात्री को फ्रांस भेजने में शामिल था।
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