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Delhi: दो मंजिला मकान में लगी भीषण आग, दम घुटने से महिला की मौत; पड़ोसियों की छत पर कूदकर लोगों ने बचाई जान

दिल्ली के न्यू उस्मानपुर इलाके में दो मंजिला मकान में अचानक आग लग गई। आग में छह लोग फंस गए। पांच लोग किसी तरह बचकर निकल गए। वहीं, एक महिला की धुएं के कारण दम घुटने से मौत हो गई।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर स्थित भगत सिंह कॉलोनी में रविवार सुबह दो मंजिला मकान में अचानक आग लग गई। हादसे में दूसरी मंजिल पर मौजूद एक महिला की धुएं के कारण दम घुटने से मौत हो गई। मृतका की शिनाख्त मंजू जैन उर्फ गुड्डी (45) के रूप में हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची।

छह लोग आग में फंस गए
करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पा लिया गया। मकान के ग्राउंड फ्लोर पर फॉम और कपड़े की कत्तरों से गद्दे बनाने की फैक्टरी मौजूद थी। रविवार सुबह यहीं से आग भड़की। आग लगते ही पहली और दूसरी मंजिल पर मौजूद छह लोग वहां फंस गए। पांच लोगों ने किसी तरह छत पर पहुंचकर अपनी जान बचाई।

मंजू घर की लॉबी में अचेत मिलीं
दूसरी मंजिल पर मंजू वहां फंस गई। आग पर काबू पाने के बाद दमकलकर्मी दूसरी मंजिल पर पहुंचे तो मंजू घर की लॉबी में अचेत मिलीं। उनको फौरन जग प्रवेश चंद्र अस्पताल भेजा गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी भेज दिया है।

शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी
न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। क्राइम टीम के अलावा एफएसएल ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। शुरुआती जांच के बाद पुलिस आशंका जता रही है कि ग्राउंड फ्लोर पर गद्दों की फैक्टरी में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी। मामले की छानबीन जारी है।

गद्दे बनाने वाले को किराये पर दिया ग्राउंड फ्लोर
उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त आशीष मिश्रा ने बताया कि हादसा रविवार सुबह करीब 7.00 बजे गली नंबर-3, भगत सिंह कालोनी के दो मंजिला मकान में हुआ। नोएडा में रहने वाले अंकुश जैन ने ग्राउंड फ्लोर किसी गद्दे बनाने वाले को किराये पर दिया हुआ था। वहीं, पहली मंजिल पर अजय जैन अपनी पत्नी शालू जैन और दो बेटों आदित्य और निमित के साथ रहते हैं।

मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए गया था बेटा
मकान की दूसरी मंजिल पर मंजू अपने पति आदेश जैन, एक बेटा पारस जैन उर्फ गोलू और बेटी रिया के साथ रहती थीं। आदेश राजस्थान में नौकरी करते हैं। इनका बेटा पारस शनिवार रात को मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए गया हुआ है। दूसरी मंजिल पर मंजू अपनी बेटी रिया के साथ मौजूद थीं। रविवार सुबह आदेश की पत्नी शालू पानी का मोटर चलाने के लिए उठीं।

पांच लोग पड़ोसी की छत पर लकड़ी की सीढ़ी से नीचे उतर गए
उन्होंने देखा कि ग्राउंड फ्लोर से तेजी से धुआं और आग की लपटे ऊपर की ओर आ रही हैं। उन्होंने फौरन शोर मचाया और पति व बेटों को उठाया। वह शोर मचाते हुए छत की ओर भागे। शोर सुनकर दूसरी मंजिल पर मौजू रिया भी बाहर निकल गई, लेकिन मंजू वहीं फंस गई। छत पर पहुंचकर सभी पांचों पड़ोसी की छत पर लकड़ी की सीढ़ी से नीचे उतर गए।

फैक्टरी चलाने वाले की तलाश जारी
इस बीच आग तेज से भड़क उठी। सूचना मिलने के बाद पुलिस व दमकल की चार गाड़ी मौके पर पहुंची। करीब 8.00 बजे आग पर काबू पाकर दमकल की टीम ऊपर पहुंची तो दूसरी मंजिल पर मंजू मृत मिली। परिजनों के बयान लेने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस गद्दे की फैक्टरी चलाने वाले की तलाश कर रही है।

काले धुएं के बीच जब जान बचाना हो गया भारी
सुबह करीब 6.45 बजे शालू मोटर चलाने के उठी। उन्होंने जैसे ही घर का दरवाजा खोला अचानक जीने से धुएं का गुबार और लपटे आती देखीं। वह फौरन ही समझ गई कि घर में आग लग चुकी है। वह वापस घर में भागी और पति व बच्चों को उठाया। सब कुछ छोड़कर सभी जीने की ओर भागे। जीने पर काला धुआं आ रहा था।

जीना बहुत गर्म भी हो चुका था
इसके अलावा जीना बहुत गर्म भी हो चुका था। पहली मंजिल से दूसरी मंजिल की छत पर जाने में उनकी जान पर बन गई। एक पल को पूरे परिवार को लगा कि शायद धुएं से उनका दम घुट जाएगा। छत पर पहुंचने के बाद भी काफी देर बाद सभी को सांस आया। सभी शोर मचाते हुए ऊपर जा रहे थे।

बेटी रिया की आंख शोर की वजह से खुली
मंजू की बेटी रिया की आंख शोर की वजह से खुल गई। वह भी ऊपर की ओर भागी। बाद में उसे ख्याल आया कि मां तो आ ही नहीं पाई, लेकिन तब तक काला और गाढ़ा धुआं जीने से छत की ओर आ रहा था। सभी को यह लगा कि यहां रुकना ठीक नहीं। सभी पड़ोसी की छत पर उतरे और अपनी जान बचाई।

फैक्टरी में रखा था ज्वलनशील पदार्थ और जीने पर लगा था ताला
भगत सिंह कालोनी में आग भले ही छोटे एरिया में लगी थी, लेकिन उस पर काबू पाने में दमकल कर्मियों को पसीने छूट गए। दमकल विभाग के एसटीओ प्रवीन ने बताया कि गद्दे की फैक्टरी में फॉम, कपड़े के टुकड़े और कई ड्रम केमिकल भी रखा था। उसमें बहुत तेजी से आग भड़की। फैक्टरी का दरवाजा बाहर से बंद था।

ताले को काटा गया
पहले कटर मंगाकर उसके ताले को काटा गया। इसके बाद अंदर पानी डाला गया। वहीं, इमारत की ऊपरी मंजिलों पर जाने के लिए बाहर से अलग जीना था। ऊपर रहने वाले किरायेदार सुरक्षा के लिए अंदर से जीने पर ताला लगा लिया करते थे। ऊपर जाने के लिए दमकल कर्मियों को इस ताले को भी काटना पड़ा। बाद में ऊपरी मंजिलों पर राहत का काम हुआ। बाद में किसी तरह आग को बुझा लिया गया।

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