राजधानी की तीन प्रमुख सड़कों पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) व्यापक स्तर पर सुधार कार्य कराएगा, ताकि लाखों यात्रियों को रोजाना लगने वाले जाम से राहत मिल सके। इनमें आश्रम से बदरपुर बॉर्डर तक मथुरा रोड, पंजाबी बाग से टिकरी बॉर्डर तक पुरानी दिल्ली–रोहतक रोड और महरौली–गुरुग्राम रोड शामिल हैं।
एनएचएआई ने इन सड़कों को अपने अधीन लेने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। दिल्ली सरकार ने कुछ माह इसके लिए अनुरोध किया था। दिल्ली-एनसीआर के बीच कनेक्टिविटी का सबसे अहम हिस्सा बनने वाले 33 किलोमीटर लंबे ये सड़क कॉरिडोर वर्षों से जाम और अव्यवस्था के कारण सुर्खियों में रहे हैं।
मथुरा रोड का आश्रम से बदरपुर बॉर्डर तक का हिस्सा, दिल्ली को नोएडा, फरीदाबाद और आगरा से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। सुबह और शाम के व्यस्त समय में यहां घंटों जाम लगना आम बात है। इसी तरह पुरानी दिल्ली–रोहतक रोड दिल्ली को हरियाणा के बहादुरगढ़ और रोहतक से जोड़ती है। यह मार्ग पंजाबी बाग से टिकरी बॉर्डर तक बेहद व्यस्त रहता है और भारी वाहनों के दबाव से जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं, महरौली–गुरुग्राम रोड दिल्ली और गुरुग्राम के बीच का पुराना और अहम संपर्क मार्ग है जो सुबह व शाम के व्यस्त समय में सबसे अधिक जाम झेलता है।
डीएनडी से जोड़ा जाएगा महरौली-गुरुग्राम मार्ग
8.5 किलोमीटर लंबा महरौली-गुरुग्राम मार्ग दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से होकर गुजरता है। साथ ही, दिल्ली और हरियाणा के बीच महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के रूप में कार्य करता है। इस हिस्से को कनेक्टिविटी में सुधार के लिए दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे से जोड़ा जाना है। इसी प्रकार 18.5 किलोमीटर लंबी पुरानी दिल्ली-रोहतक रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 9 का हिस्सा है। ये पश्चिमी दिल्ली के अत्यधिक भीड़ वाले पंजाबी बाग इलाके से होकर गुजरता है। यातायात में सुधार के लिए इस रोड को चौड़ा किया जाएगा।
मथुरा रोड का 7.5 किमी लंबा हिस्सा मध्य दिल्ली में तिलक ब्रिज के पास से शुरू होता है और आश्रम जंक्शन से दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में बदरपुर सीमा तक है। बदरपुर सीमा से आगे यह सड़क मथुरा की ओर जाती है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के मानकों पर विकसित होंगी सड़कें
दिल्ली सरकार का कहना है कि इन सड़कों को एनएचएआई को सौंपने के बाद उनका विकास राष्ट्रीय राजमार्गों के मानकों पर होगा। इसके तहत सड़क चौड़ीकरण, अंडरपास व फ्लाईओवर निर्माण, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल व पैदल व साइकिल ट्रैक जैसी योजनाएं लागू की जाएंगी। एनएचएआई पहले चरण में इन तीनों कॉरिडोर का ट्रैफिक सर्वे कराएगा और फिर काम शुरू करेगा।
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