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NMC: छात्रों की मानसिक सेहत पर एनएमसी ने मांगी कॉलेजों से रिपोर्ट, सर्वे में सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील

NMC: नेशनल मेडिकल कमीशन ने सभी मेडिकल कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट की नेशनल टास्क फोर्स के सर्वे में भाग लेने के निर्देश दिए हैं। यह सर्वे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं को समझने और आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए किया जा रहा है।

NMC: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई नेशनल टास्क फोर्स के सर्वे में हिस्सा लें। यह सर्वे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं को समझने और उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए किया जा रहा है।

यह राष्ट्रीय टास्क फोर्स ऑनलाइन सर्वे के जरिए छात्रों, शिक्षकों और कॉलेज प्रशासन से राय ले रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च के आदेश के तहत शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत यह नेशनल टास्क फोर्स बनाई थी। इसका उद्देश्य छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, आत्महत्या रोकथाम और उससे जुड़ी समस्याओं पर विचार करना और जरूरी सुझाव देना है।

टास्क फोर्स ने अगस्त में शुरू की थी वेबसाइट

अपनी बैठकों के दौरान इस टास्क फोर्स ने 8 अगस्त को अपनी वेबसाइट शुरू की। यह वेबसाइट एक केंद्रीय प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर रही है, जहां विभिन्न वर्गों से राय ली जा रही है, जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र, उनके अभिभावक, शिक्षक, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और संस्थानों के प्रतिनिधि।

नोटिस में कहा गया है कि वेबसाइट आम लोगों से भी राय मांग रही है, खासकर उन लोगों से जो किसी छात्र की आत्महत्या से प्रभावित हुए हैं, जैसे परिवार, दोस्त, संस्थान के पूर्व छात्र, एनजीओ, मीडिया कर्मी और अन्य जागरूक नागरिक।

गोपनीय रखी जाएगी राय

पोर्टल पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में ऑनलाइन सर्वे उपलब्ध हैं। यह सर्वे गुमनाम और गोपनीय तरीके से राय एकत्र करते हैं। इसमें कई विषय शामिल हैं, जैसे कैंपस का माहौल, समावेशिता और अपनापन, तनाव के स्रोत और भेदभाव, मौजूदा सहायता प्रणाली और शिकायत निवारण व्यवस्था तथा छात्रों की भलाई बढ़ाने के सुझाव।

साथ ही, संस्थागत स्तर पर भी सर्वे किए जा रहे हैं ताकि उच्च शिक्षा संस्थानों से सीधी जानकारी प्राप्त की जा सके।

नोटिस में कहा गया है, “एनएमसी के अंतर्गत आने वाले सभी मेडिकल कॉलेज और संस्थान वेबसाइट पर जाकर संबंधित सर्वे में हिस्सा लें। वेबसाइट लिंक और सर्वे की जानकारी छात्रों व शिक्षकों तक पहुंचाएं और सभी को समय पर और ईमानदारी से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।”

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