गुजरात: 100 म्यूल बैंक खातों के जरिए 200 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए; CID ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, छह आरोपी गिरफ्तार
गुजरात पुलिस की सीआईडी क्राइम शाखा ने दुबई स्थित साइबर अपराधियों को 200 करोड़ की अवैध रकम भेजने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि आरोपियों ने इस रकम को ट्रांसफर करने के लिए करीब 100 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया।
गुजरात सीआईडी ने देश के कई राज्यों में सक्रिय साइबर फंड ट्रांसफर नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इतना ही नहीं, दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को 200 करोड़ से भी ज्यादा रकम भेजने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
छह लोगों को किया गया गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि CID-क्राइम की गांधीनगर स्थित साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस टीम ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए मोरबी, सुरेंद्रनगर, सूरत और अमरेली जिलों में छापेमारी की। यहां से महेंद्र सोलंकी, रूपेन भाटिया, राकेश लानिया, राकेश डेकिवाडिया, विजय खांभालिया और पंकज कथिरिया को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि इन आरोपियों ने करीब 100 म्यूल खातों का जाल बिछाया था,जिनके जरिए वे ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे और फिर वो पैसा विदेशों में ट्रांसफर करने में इस्तेमाल किया जाता था।
विदेश भेजने के लिए ये रणनीति अपनाते थे साइबर अपराधी
इस मामले में सीआईडी द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि जांच में पता चला है कि आरोपी अलग-अलग राज्यों में सक्रिय साइबर अपराधियों को ‘म्यूल’ बैंक खाते उपलब्ध कराते थे और फिर धोखाधड़ी से अर्जित धन को क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन से या फिर अंगड़िया नेटवर्क (पारंपरिक नकद कूरियर सेवा) के जरिये दुबई स्थित सिंडीकेट को भेजते थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया आरोपी कमीशन के बदले में ये खाते साइबर गिरोहों को उपलब्ध कराते थे। वे खातों में जमा रकम निकालकर नकद में बदलते और दुबई भेज देते थे।
386 साइबर अपराधों में इस्तेमाल हुए 100 म्यूल अकाउंट
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय के ‘समन्वय’ पोर्टल पर मामले में जांच करने पर यह भी पता चला है कि 100 बैंक खातों का इस्तेमाल देश भर में दर्ज डिजिटल गिरफ्तारी, जॉब फ्रॉड, निवेश फ्रॉड, ऋण धोखाधड़ी और अंशकालिक नौकरी धोखाधड़ी जैसे 386 साइबर अपराधों में किया गया था।
अब इस बात की जांच कर रही सीआईडी
सीआईडी अब इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और क्रिप्टो ट्रेल की जांच कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह दुबई में सक्रिय एक बड़े साइबर फाइनेंशियल सिंडिकेट का हिस्सा है, जो भारत में फर्जी जॉब और निवेश के नाम पर ठगी करता है।
क्या होते हैं म्यूल अकाउंट
बता दें कि ‘म्यूल अकाउंट’ ऐसे बैंक खातों को कहते हैं जिन्हें अपराधी अवैध धनराशि को घुमाने या छिपाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कई बार खाताधारक को भी इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसका खाता अपराध में इस्तेमाल हो रहा है।
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