Mann Ki Baat: मन की बात में पीएम मोदी ने किया जुबीन का जिक्र, कहा- ‘उनका संगीत पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करेगा’
PM Modi On Zubeen Garg: रविवार को 'मन की बात' प्रोग्राम में पीएम मोदी ने असमिया गायक जुबीन गर्ग के निधन का जिक्र किया है। उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि भी दी है।
रविवार, 28 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गायक जुबीन गर्ग का जिक्र किया। हाल ही में सिंगापुर में जुबीन का एक हादसे में निधन हो गया था। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को असम में लाया गया और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मन की बात में बोलते हुए पीए मोदी ने कहा ‘जुबीन गर्ग के असामयिक निधन से लोग शोक में हैं। जुबीन गर्ग एक मशहूर गायक थे। जिन्होंने देश भर में अपनी पहचान बनाई। असम की संस्कृति से उनका बहुत गहरा लगाव था। जुबीन गर्ग हमारी यादों में हैं। हमेशा बने रहेंगे। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा।’
हाल ही में हुआ जुबीन गर्ग का निधन
आपको बता दें कि जुबीन गर्ग 20 सितंबर को सिंगापुर में होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे थे। इससे पहले 19 सितंबर को उनका निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया, फिर असम लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में हजारों की भीड़ जमा हुआ।
पीएम मोदी ने लता जी को किया याद
‘मन की बात’ प्रोग्राम में पीएम मोदी ने सिंगर लता मंगेशकर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘साथियों आज लता मंगेशकर की भी जयंती है। भारतीय संगीत और संस्कृति में रुचि रखने वाला कोई भी व्यक्ति उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। उनके गीतों में वह सबकुछ है जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है। उन्होंने देशभक्ति के जो गीत गाए, उन गीतों ने लोगों को बहुत प्रेरित किया। भारत की संस्कृति से भी उनका गहरा जुड़ाव था। मैं लता दीदी के लिए दिल से श्रद्धांजलि देता हूं।’
पीएम मोदी ने किया भूपेन हजारिका का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में गायक भूपेन हजारिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘उनकी आवाज इस बात का सबूत है कि कैसे भूपेन हजारिका जी के गीतों से दुनियाभर के अलग-अलग देश आपस में जुड़ते हैं। दरअसल, श्रीलंका में एक अच्छा प्रयास हुआ। इसमें भूपेन दा जी के मशहूर गीत ‘मनुहे मनुहार बाबे’, इसका श्रीलंकाई कलाकारों ने सिंहली और तमिल में अनुवाद किया है। कुछ दिनों पहले मुझे असम में उनके जन्मशताब्दी समारोह में शामिल होने का मौका मिला था। यह बहुत यादगार कार्यक्रम रहा।’
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