भारतीय इतिहास में कई फिल्में यादगार और चर्चित हैं। इनमें शोले का नाम भी अग्रणी है। यह फिल्म आज तक दर्शकों के स्मृति पटल पर अंकित है। इसे अब 50 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी दर्शक इसके दृश्यों और संवाद को नहीं भूले हैं। शोले जब सिनेमाघरों में लगी तब देश में आपातकाल लागू था। इस कारण अनेक कठोर प्रतिबंध लागू थे, पर शोले के डॉयलॉग उस दौर में भी आसानी से सुने जा सकते थे।
शोले फिल्म का निर्माण 1973 में कर्नाटक में शुरू हुआ था और 15 अगस्त 1975 को यह फिल्म रिलीज हुई थी। एक संयोग है कि इस फिल्म के लेखक सलीम खान इंदौर से और सह लेखक जावेद अख्तर ग्वालियर से जुड़े हैं। जाहिर है मध्य प्रदेश के दोनों लेखकों की फिल्म जिसे रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था, देश में रिलीज होने के 50 साल बीतने पर भी जनमानस की यादों में समाई हुई है। यह अब तक की सबसे सफल हिंदी फिल्मों में से एक मानी जाताी है। फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, जया बच्चन, हेमा मालिनी और अमजद खान ने यादगार अभिनय किया था।
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