दिल्ली का दरिंदा: 50 साल का शैतान, मासूम सात साल की; मिठाई का लालच देकर ले गया घर फिर पार की हैवानियत की हद
मामले में दोषी ने बच्ची को मिठाई का लालच देकर अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया था। साथ ही, धमकी दी थी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, तो उसे जान से मार देगा।
दिल्ली के साकेत कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी रामेश्वर को 30 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत अपराध के लिए 10 वर्ष का साधारण कारावास और 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा अदालत ने पीड़िता को 10 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एफटीएससी) पॉक्सो अधिनियम शिवानी चौहान ने अपने फैसले में कहा कि अपराध की तारीख को दोषी की उम्र 50 साल थी, जबकि पीड़ित लड़की की उम्र महज 7 साल और 9 महीने थी। पीड़िता और दोषी की उम्र में काफी अंतर है। ऐसे में दोषी किसी भी नरमी का हकदार नहीं है।
बच्ची को मिठाई का लालच देकर अपने घर बुलाया
मामले में दोषी ने बच्ची को मिठाई का लालच देकर अपने घर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया था। साथ ही, धमकी दी थी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, तो उसे जान से मार देगा। इससे पहले अदालत ने दोषी रामेश्वर को धारा 363 आईपीसी, धारा 366 आईपीसी, धारा 342 आईपीसी, धारा 506 आईपीसी और धारा 6 पॉक्सो अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि मौजूदा मामले में दोषी रामेश्वर ने 7 वर्ष और 9 महीने की पीड़िता को अगवा करने और उसे बंधक बनाने के बाद अपने घर में उसके साथ गंभीर यौन उत्पीड़न किया। उसने पीड़िता को इस घटना के बारे में किसी को न बताने की धमकी दी थी। अदालत ने कहा कि दोषी के कृत्य ने समाज में और पीड़ित के मन में चिंता पैदा कर दी है। न्याय के हित में सुधारात्मक सिद्धांत और दंड के निवारक सिद्धांत के बीच संतुलन बनाना होगा।
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