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Delhi : 22 साल बाद पकड़ा गया 50 हजार का इनामी बांग्लादेशी, बंधक बनाकर करता था लूटपाट और डकैती

आरोपियों की पहचान मोहम्मद खलील उर्फ गुड्डू और खालिद शेख के रूप में हुई है। दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में ताबड़तोड़ वारदात कर आरोपियों ने दहशत फैला दी थी।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 22 साल बाद 50 हजार के इनामी बांग्लादेशी बदमाश को साथी संग दबोचा है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद खलील उर्फ गुड्डू और खालिद शेख के रूप में हुई है। दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में ताबड़तोड़ वारदात कर आरोपियों ने दहशत फैला दी थी।

रात के अंधेरे में बदमाश पीछे के रास्ते से घर में दाखिल हो जाते थे और परिवार को बंधक बनाकर लूटपाट और डकैती डालते। विवेक विहार में इन लोगों ने वर्ष 2003 में एक परिवार को बंधक बनाकर डकैती डाली थी। उसी मामले में खलील की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था।

आरोपियों के पास से चार पिस्टल, 15 कारतूस, एक चाकू, दो रॉड और सेंधमारी में इस्तेमाल बाकी सामान बरामद किया गया है। खलील के खिलाफ लूटपाट, डकैती और सेंधमारी के 22 व खालिद के खिलाफ चार मामले पहले से दर्ज हैं। इनकी गिरफ्तारी से दिल्ली, यूपी और मध्य प्रदेश के आठ मामले सुलझे हैं।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त आदिल्य गौतम ने बताया कि 9 मई को सूचना मिली थी कि विवेक विहार में 22 साल पहले हुई डकैती के मामले का आरोपी खलील गाजियाबाद के लोनी की नसबंदी कॉलोनी में छिपकर रह रहा है। आरोपी अपने किसी साथी से मिलने वजीराबाद आने वाला है।जानकारी जुटाने के बाद इंस्पेक्टर मनमीत मलिक व अन्य की टीम का गठन किया गया।

वजीराबाद से आरोपी खलील का पीछा कर उसे दबोच लिया गया। आरोपी के पास से एक पिस्टल व दो कारतूस बरामद हुए। बाद में पुलिस रिमांड के दौरान प्रीत विहार स्थित गुफा वाले मंदिर के पास रेलवे ट्रैक से दो पिस्टल, 10 कारतूस, चाकू व बाकी सामान बरामद किया गया।खलील से पूछताछ के बाद उसके साथी खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके पास से एक पिस्टल व कारतूस बरामद हुए। पूछताछ के दौरान खलील ने बताया कि वह दोबारा से अपना गैंग खड़ा करने का प्रयास कर रहा था। आरोपी ने बताया कि वह भारत में अवैध रूप से दाखिल हुआ और दिल्ली में बस गया। 15 दिन पहले ही खलील आंध्र प्रदेश की जेल से रिहा होकर दिल्ली आया था। 

रेलवे लाइन के साथ बसीं पॉश काॅलोनियों को बनाते थे निशाना

मोहम्मद खलील उर्फ गुड्डू और खालिद शेख रेलवे लाइन के साथ बसीं पॉश काॅलोनियों को निशाना बनाते थे। दिन में कबाड़ी बनकर यह लोग रेकी करते थे। टारगेट तय करने के बाद आधी रात को दोनों हथियारबंद बदमाश रेलवे लाइन की ओर से आकर घरों पर धावा बोल देते थे। पहले किसी भी तरह दरवाजा खोलकर घर में दाखिल होते थे।

इसके बाद परिवार को बंधक बनाकर लूटपाट या डकैती डालते थे। पूरी रात लूटपाट करने के बाद आरोपी तड़के रेलवे लन की ओर से भाग जाते थे। विवेक विहार इलाके में 2003 में हुई डकैती को भी इन लोगों ने इसी तरह अंजाम दिया था। पूर्वी दिल्ली में आनंद विहार, विवेक विहार, प्रीत विहार इनके निशाने पर रहते थे।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि इन लोगों ने एक बड़ा हाथ मारने के लिए रेकी की हुई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद हमेशा के लिए बांग्लादेश भागने की फिराक में थे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों को कहां वारदात को अंजाम देना था।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो दशक पहले खलील ने बांग्लादेशी बदमाशों का बड़ा गैंग बनाया हुआ था। यह लोग लगातार वारदात को अंजाम दे रहे थे। एक राज्य में वारदात को अंजाम देने के बाद यह यूपी, मध्य प्रदेश या आंध्र प्रदेश के तेलंगाना भाग जाते थे। वहां भी वारदातों को अंजाम दिया जाता था।

गिरोह रेलवे लाइन के किनारे हथियार व बाकी औजारों को छिपा देता था। आधी रात को यह लोग रेलवे लाइन के साथ कई-कई किलोमीटर की दूरी तय कर टारगेट तक पहुंचते थे। वर्ष 2025 में तेलंगाना के एक मामले में खलील को वहां गिरफ्तार कर लिया गया था। 15 दिन पहले ही वह  जेल से रिहा होकर दिल्ली आया था।

गिरोह के लिए हथियारों का इंतजाम करने के बाद वह अपने लड़कों से संपर्क कर रहा था। इसके बाद बड़ी वारदात को अंजाम देकर भारत को छोड़ना था। पुलिस खलील और खालिद से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।

अवैध रूप से रह रहीं तीन बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्तार
उत्तर-पश्चिम जिले की विदेशी प्रकोष्ठ की टीम ने अवैध रूप से रह रहीं तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से आईएमओ एप्लीकेशन वाले दो स्मार्टफोन और एक की-पैड मोबाइल फोन बरामद किया है। महिलाओं की पहचान बांग्लादेश के चटगांव निवासी अलीना, मैमन सिंह निवासी तंगिना रहमान और सिलहट निवासी सुहान खान के रूप में हुई है। बांग्लादेशी महिला ट्रांसजेंडर बनकर महेंद्र पार्क के पास रह रही है व पहचान छिपाने के लिए वह मोमोज बेचती थीं।

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