दुष्कर्म के दो अलग मामलों मे अदालत ने दोनों दोषियों को 20-20 साल की कैद की सजा सुनाई है। दिल्ली में बच्ची से और नोएडा में नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को अदालत ने कठोर सजा का एलान किया है।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 6 साल की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ गंभीर यौन उत्पीaड़न किया है। अदालत ने पीड़िता को पांच हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया।
पिछली सुनवाई में अदालत ने दोषी धर्मेंद्र उर्फ बाबा को पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 (2) और आईपीसी की धारा 376 (3) व 506 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था। सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक मनीषा सिंह ने कहा कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए किसी भी तरह की नरमी दिखाने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होने कहा, यदि दोषी को कम कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह अपनी रिहाई पर समाज के लिए खतरा पैदा करेगा। वहीं, दिल्ली महिला आयोग की तरफ से वकील डॉ. शिवानी गंभीर ने कहा कि पीड़िता छत पर सूखे कपड़े लेने गई थी, जहां दोषी ने उसका यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता के लिए सामान्य दिन हिंसक और दर्दनाक बन गया, जो उसके और उसके परिवार के साथ जीवन भर रहेगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 7 फरवरी 2021 को पुलिस स्टेशन निहाल विहार में 6-7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास के संबंध में सूचना मिली। ऐसे में एक टीम मौके पर गईं और बच्ची का एसजीएम अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया। मेडिकल परीक्षण के दौरान, पीड़िता के साक्ष्य एकत्र किए गए। इसके अलावा पीड़ित की मां का बयान दर्ज किया गया, जिसमें उसने दोषी धर्मेंद्र उर्फ बाबा की तरफ से अपनी बेटी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
नोएडा : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी चित्रकार को 20 साल की कैद
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) प्रथम की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में चित्रकार मोरिस राइडर को 20 साल कारावास की सजा व 50 हजार का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड नहीं देने पर एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। पीड़िता का बयान और फोन पर चित्रकार के अश्लील बातें करने की रिकॉर्डिंग सजा दिलाने में अहम साबित हुई।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता ने 14 मई, 2022 को नोएडा के कोतवाली सेक्टर-39 में चित्रकार मोरिस राइडर निवासी सेक्टर 46 नोएडा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चित्रकार का शिमला में स्टूडियो था। वहां पर पीड़िता के पिता नौकरी करते थे। पिता ने पीड़िता को पढ़ाने के लिए चित्रकार से बात की और दिल्ली भेज दिया। आरोप था कि नोएडा लाने के बाद चित्रकार ने पीड़िता को घर में बंधक बनाकर रखा।
वर्ष 2015 से 2022 तक पीड़िता के साथ पहले डिजिटल रेप और फिर बलात्कार किया। पीड़िता के इंकार करने पर हथियार दिखाकर डराता था। साथ ही पीड़िता के परिवार को बर्बाद करने व छोटी बहन के साथ भी दुष्कर्म करने की धमकी देता था। डर के कारण पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया। करीब सात साल तक चित्रकार ने पीड़िता का यौन शोषण किया।
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