नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय केरल दौरे पर हैं। आज (बुधवार) सुबह पीएम मोदी ने गुरुवयूर मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद पीएम मोदी आज 4000 करोड़ से ज्यादा की विकास योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले मंगलवार को केरल और आंध्र प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। मंगलवार शाम को केरल पहुंचने के बाद उन्होंने 1.3 किमी लंबा रोड शो किया। उसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह को केरल के गुरुवयूर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने भगवान के दर्शन कर पूजा अर्चना की। पीएम मोदी त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर में भी दर्शन करने जाएंगे। इसके बाद पीएम मोदी कोचीन शिपयार्ड से जुड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करेंगे, ये प्रोजेक्स 4000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए गए हैं। बता दें कि कल यानी मंगलवार को पीएम मोदी आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी गए थे। जहां उन्होंने 486 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में पूजा पाठ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मंदिर में राम भजन किया। साथ ही कठपुतलियों की रामकथा भी देखी, ये रामकथा रंगनाथ रामायण पर आधारित थी।
बता दें कि कोच्चि के मौजूदा परिसर में नया ड्राई डॉक कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड बनाया गया है। जिसपर करीब 1800 करोड़ रुपये की लागत आई है। ड्राई डॉक की लंबाई 310 मीटर है। जबकि इसकी चौड़ाई 75/60 मीटर है। वहीं ये 13 मीटर की गहराई और 9.5 मीटर तक के ड्राफ्ट के साथ विकसित किया गया है जो इस क्षेत्र के सबसे बड़े समुद्री बुनियादी ढांचे में से एक है। वहीं इंटरनेशनल शिप रिपेयर फैसिलिटी प्रोजेक्ट को बनाने में करीब 970 करोड़ की लागत आई है। इसमें 6000 टन की क्षमता वाला एक जहाज लिफ्ट सिस्टम, ट्रांसफर सिस्टम, छह वर्कस्टेशन और लगभग 1400 मीटर की बर्थ बनाई गई है जो 130 मीटर लंबाई के सात जहाजों को एक साथ एडजस्ट कर सकता है।
इनके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिनेता और राजनेता सुरेश गोपी की बेटी की शादी में शामिल होंगे। ये शादी समारोह गुरुवयूर में हो रहा है। इसके बाद पीएम मोदी त्रिप्रयार जाएंगे। जहां वह श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वह मरीन ड्राइव में बीजेपी शक्ति केंद्र प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की जाएगी। जिसका मकसद जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं का मनबोल बढ़ाना है।
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