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75 डॉलर प्रति बैरल के करीब फिसला कच्चा तेल, सऊदी अरब ने एशियाई देशों को सस्ते में फ्यूल बेचने का किया एलान

भारत के लिए राहत की खबर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आई है। कच्चे तेल की कीमतें घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ चुकी है। ब्रेंट क्रूड ऑयल प्राइस 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 76.51 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि डब्ल्युटीआई क्रूड 1 फीसदी की गिरावट के साथ 71.60 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।

 

लोकसभा चुनावों के ठीक पहले और भारतीय जनता पार्टी को तीन हिंदी पट्टी के राज्यों में विधानसभा चुनावों में मिली शानदार जीत के बाद कच्चे तेल की कीमतों में कमी सरकार के लिए खुशखबरी लेकर आई है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी दल लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए कई लोकलुभावनें फैसले ले सकती है। और कच्चे तेल की कीमतों में जारी गिरावट के बाद कीमतें इस लेवल पर स्थिर रही है तो आम लोगों को राहत देने के लिए सरकार पेट्रोल डीजल के दामों में कमी कर सकती है जिससे चुनावी लाभ लिया जा सके।

 

पिछले हफ्ते ही सरकारी तेल कंपनियों ने ये संकेत दिए थे कि  कि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के नीचे लुढ़के और उन स्तरों पर कीमतें स्थिर रही तो सरकारी तेल कंपनियों रोजाना आधार पर कीमतों की समीक्षा की शुरुआत कर सकती हैं। ऐसा होने पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते पेट्रोल डीजल के दामों में कमी आ सकती है। पिछले 20 महीने से सरकारी तेल कंपनियों ने कच्चे तेल के दामों में आए उछाल के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था।

 

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले सरकार ने प्रधानंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए रसोई गैस के दामों में 300 रुपये तो सामान्य ग्राहकों के लिए 200 रुपये सस्ता किया था। उज्जवला योजना के लाभार्थियों को कुल मिलाकर 500 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। यही वजह है कि कच्चे तेल के दामों के 80 डॉलर के नीचे स्थिर रहने पर पेट्रोल डीजल के दामों में कमी का भी फैसला लिया जा सकता है।

 

सऊदी अरब ने एशियाई खरीदार देशों को सस्ते में कच्चा तेल बेचने का फैसला किया है। पिछले सात महीने में ये पहला मौका है जब सऊदी अरब ने अपने फ्लैगशिप क्रूड आयल के दामों में कटौती करने का फैसला किया है। एशियाई खरीदारों को सऊदी अरब जनवरी महीने में 0.50 डॉलर प्रति बैरल सस्ता कच्चा तेल बेचेगा। ये माना जा रहा है कि इससे भारत को भी राहत मिलने की उम्मीद है।

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