दिल्ली सरकार ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत शिक्षण संस्थानों के आसपास अनाधिकृत पार्किंग और अनावश्यक हॉर्न बजाने के मुद्दों को संबोधित करने के लिए पुलिस को पत्र लिखें। गुरुवार को जारी एक आदेश में दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने स्कूलों को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए उपायों पर एक ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ (एटीआर) तैयार करने और इसे तीन मार्च तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
डीओई के निर्देश के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एसएचओ को पत्र लिखकर और एटीआर तैयार करके स्कूलों में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2002 को लागू करने के संबंध में एक पत्र जारी किया। रोहिणी में सॉवरेन स्कूल के अध्यक्ष आरएन जिंदल ने स्कूल परिसर के पास अनाधिकृत पार्किंग के कारण आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘हमारा स्कूल एक आवासीय क्षेत्र में स्थित है और रात भर पार्किंग करने से सुबह आसपास की सफाई करने में बड़ी मुश्किलें आती हैं।’
उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ के कारण स्कूल के गेट के पास सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जिंदल ने कहा, ‘हम इस मुद्दे के बारे में एसएचओ को लिखेंगे और उम्मीद करते हैं कि उनके हस्तक्षेप से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।’ द्वारका में आईटीएल इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल शुधा आचार्य ने भी इसी तरह की चिंता जताई और स्कूलों के आसपास पार्किंग को विनियमित करने के लिए बाहरी सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे स्कूल के सुरक्षा गार्ड परिसर के भीतर पार्किंग की स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश करते हैं। हालांकि, स्कूल के बाहर अक्सर अनधिकृत वाहन पार्क किए जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा होती है।’
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