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मिल गई मंजूरी: सराय काले खां के पुनर्विकास के लिए बाधा हुई दूर, एक जगह मिलेगी बस-ट्रेन, मेट्रो और नमो भारत

अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) सराय काले खां के पुनर्विकास की बाधा दूर हो गई है। जमीन मिलने के बाद टर्मिनल को आरआरटीएस नेटवर्क के साथ एकीकरण किया जा सकेगा। एलजी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को एनओसी दे दी है।

नमो भारत ट्रेन, दिल्ली मेट्रो, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल और भारतीय रेलवे की सुविधा एक जगह देने के लिए विकसित हो रहा सराय काले खां स्टेशन का काम अब तेजी से होगा। इस स्टेशन को विकसित करने के लिए बाधा बन रही जमीन की समस्या को सुलझा लिया गया है।

अभी तक यह जमीन दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के पास थी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए जमीन के हिस्से को एनसीआरटीसी को सौंपने की मंजूरी दे दी है। इस जमीन का हिस्सा करीब 2.5 एकड़ का है। इस हिस्से को स्टेशन के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जमीन के अभाव में स्टेशन का निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा था।

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) सराय काले खां के पुनर्विकास की बाधा दूर हो गई है। जमीन मिलने के बाद टर्मिनल को आरआरटीएस नेटवर्क के साथ एकीकरण किया जा सकेगा। एलजी ने सराय काले खां में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) भूमि पार्सल के आवंटन के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को एनओसी दे दी है। यह एनओसी परियोजना के लिए दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) से 2.5 एकड़ (10,430 वर्ग मीटर) के भूमि पार्सल से संबंधित है।

बेहतर होगी कनेक्टिविटी
स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। यह स्टेशन अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। मौजूदा समय में यात्रियों को अगल-अलग सुविधाओं के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। जबकि स्टेशन के विकास के बाद एक ही जगह से सभी सुविधाएं मिल जाएगी।

भूमि के लिए एक साल पहले रखी थी मांग
दिल्ली परिवहन अवसंरचना विकास निगम (डीटीआईडीसी) ने निर्माण कार्य के लिए जमीन की मांग फरवरी 2024 में की थी। मौजूदा समय में यह जमीन डूसिब के कब्जे में है। भूमि से अतिक्रमण हटाने के बाद आवंटन किया गया है। डूसिब ने बताया कि इस भूमि पर तीन रैन बसेरे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के नौ मई 2023 के आदेश के अनुसार, इन रैन बसेरों को अदालत की मंजूरी के बिना नहीं हटाया जा सकता है। हालांकि, इस बात पर सहमति बनी है कि डूसिब रैन बसेरों और उनमें रहने वालों को नजदीकी स्थान पर स्थानांतरित करने की अनुमति मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगा। डीटीआईडीसी ने बताया कि प्रस्तावित आईएसबीटी पुनर्विकास कार्यों में रैन बसेरों के लिए स्थायी संरचनाएं बनाना भी शामिल होगा।

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