प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), कोलकाता जोनल कार्यालय ने मेसर्स एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड, इसकी संबंधित कंपनियों/फर्मों और सैयद जियाजुर रहमान सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही जांच के संबंध में 24.09.2025 को कार्रवाई की है। इसके अंतर्गत 155 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 212 अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों में पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के कई जिलों में स्थित जमीन के टुकड़े, अपार्टमेंट, होटल, रिसॉर्ट और फैक्ट्री प्लॉट शामिल हैं।
ईडी की जांच से पता चला है कि सैयद जियाजुर रहमान, दिलीप कुमार मैती, मोहम्मद अनारुल इस्लाम और उनके साथियों सहित मास्टरमाइंड, सेबी पंजीकरण प्रमाणपत्रों में हेराफेरी करके अवैध निवेश योजनाएं चलाते थे।
निवेशकों से उनकी राशि पर 2-3% तक की गारंटीकृत मासिक रिटर्न प्रदान करने की बात कहते थे। इसके बाद निवेशकों के धन को इकट्ठा करने और डायवर्ट करने के लिए संस्थाओं के एक जाल का इस्तेमाल करते थे। आरोपी व्यक्तियों ने मेसर्स एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड की आड़ में अवैध कारोबार संचालित किया, जो शेयर ब्रोकिंग और अन्य निवेश गतिविधियों के लिए सेबी में पंजीकृत कंपनी है।
हालांकि, उन्होंने जानबूझकर मेसर्स एलएफएस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के समान नामों वाली कई अन्य फर्मों को लॉन्च किया। निवेशकों को यह विश्वास दिलाने के लिए गुमराह किया गया कि वे सेबी-पंजीकृत कंपनी में निवेश कर रहे हैं, जबकि वास्तव में फंड को एलएफएस ब्रोकिंग और पीएमएस सर्विसेज व अन्य समान नाम वाली फर्मों में डायवर्ट किया गया था।
इससे पहले, ईडी ने मामले में मास्टरमाइंड सैय्यद जियाजुर रहमान सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार व्यक्ति वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। इसके अलावा, इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ विशेष न्यायालय, कोलकाता के समक्ष अभियोजन शिकायत भी दायर की गई है।
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