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Delhi News: झंडेवालान और वजीरपुर में बनाए जाएंगे उद्यम विकास केंद्र

छोटे खाद्य व्यवसायों और नए उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए दिल्ली सरकार का फैसला

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने छोटे खाद्य व्यवसायों और नए उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने झंडेवालान और वजीरपुर में 4.5 करोड़ रुपये की लागत से दो उद्यम विकास केंद्र शुरू करने की घोषणा की है। साथ ही 3.06 करोड़ रुपये से नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्मार्ट तकनीक और उत्पाद निर्माण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। यह पहल प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना के तहत की गई है।

सिरसा ने बताया कि झंडेवालान और वजीरपुर के विश्वस्तरीय कौशल केंद्रों में दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय के माध्यम से दो उद्यम विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों के लिए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 4.5 करोड़ रुपये की सहायता दी है, जिसमें से 50 लाख रुपये जारी हो गए हैं। बेकरी उपकरणों की खरीद का काम भी शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार छोटे खाद्य व्यवसायियों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है।

उत्पाद की गुणवत्ता, पैकेजिंग और खाद्य सुरक्षा मानकों की मिलेगी जानकारी
ये उद्यम विकास केंद्र (इनक्यूबेशन सेंटर) नए उद्यमियों, युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीकों के प्रशिक्षण, उत्पाद की गुणवत्ता, पैकेजिंग और खाद्य सुरक्षा मानकों की जानकारी देंगे। बेकरी, डेयरी, मसाले, जैम, अचार जैसे उत्पादों के लिए विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। आधुनिक मशीनें और उपकरण उपलब्ध कराएंगे। इनसे ‘एक जिला-एक उत्पाद’ के तहत काम शुरू किया जा सकता है।

दो स्मार्ट तकनीक प्रयोगशालाएं भी बनाई जाएंगी
दिल्ली औद्योगिक विकास निगम के माध्यम से 3.06 करोड़ रुपये से नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के परिसरों में दो स्मार्ट तकनीक प्रयोगशालाएं और एक उत्पाद निर्माण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। ये प्रयोगशालाएं नए उद्यमियों, छात्रों और शिक्षकों को उत्पाद बनाने, उनकी जांच करने और कौशल बढ़ाने में मदद करेंगी। सिरसा ने कहा कि हमारा लक्ष्य दिल्ली को नए विचारों और उद्यमों का केंद्र बनाना है। ये प्रयोगशालाएं उद्यमियों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।

जून 2020 में शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना (पीएमएफएमई) जून 2020 में 10,000 करोड़ रुपये के साथ शुरू हुई थी। ये छोटे खाद्य व्यवसायों को मजबूत करने पर केंद्रित है। इसमें नए उद्यमियों को एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत ऋण सहायता भी मिलती है।

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