प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार खलिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारी के शामिल होने के अमेरिकी दावे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर इसको लेकर अमेरिका के पास कोई सबूत है तो वो पेश करे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की कुछ घटनाओं के चलते भारत और अमेरिका के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अगर मुझे कोई इसके बारे में कोई सबूत देता है तो निश्चित हम इस पर विचार करेंगे। अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है तो हम उस पर विचार करेंगे। कानून के शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। अमेरिका ने हाल ही में पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारी के शामिल होने का दावा किया था।
बाइडेन प्रशासन ने कहा था कि इस साजिश में एक भारतीय अधिकारी का हाथ है। अमेरिका के इस आरोपों के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी अमेरिका के दावों व सबूतों की जांच करेगी। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिमी देश अलगाववादी तत्वों को बढ़ावा नहीं दें। बता दें कि भारत ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को साल 2020 में आतंकी घोषित किया था।
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने 29 नवंबर को जारी एक बयान में कहा था भारतीय मूल के निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। गुप्ता को भारतीय अधिकारी से निर्देश मिले थे। निखिल गुप्ता को जून में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था और उसके अमेरिका प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है।
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसी साल पन्नू के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया था। खालिस्तानी आतंकी पन्नू साल 2019 से ही एनआईए के रडार पर है। विदेश में रहते हुए पन्नू ने लगातार भारत विरोधि गतिविधियां करता रहा है। वह पर पंजाब में अलगाव बढ़ाने का आरोप है। साथ ही उस पर भारत में अलग से खालिस्तान राज्य बनाने के लिए युवाओं को भड़काने का आरोप है।
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