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Delhi: वीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की होगी मनोवैज्ञानिक जांच, दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दिए आदेश

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की केंद्रीय गृहमंत्री के साथ अहम बैठक हुई, उसमें दिल्ली पुलिस की 10 प्रमुख प्राथमिकताएं तय की गई हैं। उनमें से सुरक्षा यूनिट के कर्मियों की मनोवैज्ञानिक जांच प्रमुख है।

वीवीआईपी और वीआईपी की सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस कर्मियों की मनोवैज्ञानिक जांच की जाएगी। दिल्ली पुलिस किसी वीआईपी के साथ किसी तरह की अनहोनी व कर्मियों की बढ़ रही खुदकुशी की घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम उठा रही है।

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की केंद्रीय गृहमंत्री के साथ अहम बैठक हुई, उसमें दिल्ली पुलिस की 10 प्रमुख प्राथमिकताएं तय की गई हैं। उनमें से सुरक्षा यूनिट के कर्मियों की मनोवैज्ञानिक जांच प्रमुख है। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने 10 प्रमुख प्राथमिकताओं वाला पत्र एक बार फिर सभी जिला व यूनिटों को भेजा है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अक्तूबर, 2018 में गुरुग्राम में सेशन जज की पत्नी व बेटे पर उनके सुरक्षा गार्ड महिपाल ने गोलियां बरसा दी थीं। पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई थी। बेेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके अलावा सुरक्षा कर्मी आए दिन खुदकुशी जैसा कदम उठा रहे हैं। इस सब घटनाओं को देखते हुए गृहमंत्रालय के आदेश पर दिल्ली पुलिस आयुक्त ने सुरक्षा कर्मियों की मनोवैज्ञानिक प्रोफाइलिंग की जांच करने के आदेश दिए हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि देखने में आया है कि वीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी किसी न किसी मानसिक तनाव से जूझ रहे होते हैं। इस कारण कई डिप्रेशन में चले जाते हैं। डिप्रेशन में किसी तरह का खतरनाक कदम उठा लेते हैं। ऐसे में वीआईपी की सुरक्षा खतरे में बनी रहती है। अधिकारी ने बताया कि अब मनोवैज्ञनिक जांच के बाद ही कर्मियों को किसी वीआईपी की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। साथ ही अभी जो कर्मी सुरक्षा में तैनात हैं, उनकी भी मनोवैज्ञानिक जांच कराई जाएगी।

अपराध श्रेणी के तहत डोजियर दूसरी प्राथमिकता
पुलिस आयुक्त के पत्र में अपराध श्रेणी के तहत डोजियर (अपराधी का पूरा विवरण) दूसरी प्राथमिकता है। अभी हर जिले व यूनिट में एक डोजियर सेल होती है। अगर किसी जिले में 15 थाने हैं तो सभी थानों द्वारा पकड़े गए अपराधियों को डोजियर बनवाने के लिए डोजियर सेल जाना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर औसतन एक दिन में 150 अपराधियों का डोजियर बनता है। ऐसे में पुलिसकर्मियों के समय व संसाधन का दोहन होता है।

हर थाने में अपराधियों का डोजियर बनाया जाएगा

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने पत्र में कहा कि अब दिल्ली के हर थाने में अपराधियों का डोजियर बनाना शुरू किया जाएगा। अपराधी के फिंगर प्रिंट व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिटेल लेने के लिए मशीन खरीदना शुरू किया जाएगा। डोजियर में अपराधियों को पूरा विवरण होता है। इससे अपराधी की पूरी जानकारी मिल जाती है। साथ ही डोजियर से अपराधी भी तुरंत पकड़े व पहचाने जाते हैं। सभी जिला पुलिस उपायुक्त ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

ऑनलाइन होगा, किसी भी थाने में बैठकर देखा जा सकेगा
दिल्ली पुलिस अधिकारी ने बताया कि बदमाशों के डोजियर को ऑनलाइन भी किया जाएगा। इससे बदमाशों के डोजियर को कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी पुलिस स्टेशन में बैठकर देख सकेगा। इससे बदमाशों को पकड़ने में भी आसानी होगी। अभी एक जिले के पुलिस कर्मी दूसरे जिले के बदमाश का डोजियर लेने उस जिले में जाते हैं।

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