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Delhi: सरकारी अस्पतालों में चिकित्सीय उपकरणों की कमी होगी दूर, स्वास्थ्य विभाग ने खाका किया तैयार

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अनुसार उपकरणों की आपूर्ति के लिए विभाग ने निविदा जारी कर दी है। निविदा में चयनित होने वाली एजेंसी दो साल तक चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी।

दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में चिकित्सीय उपकरणों की कमी को दूर किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने खाका तैयार कर लिया है। 35 से अधिक अस्पतालों और 250 डिस्पेंसरी, मोहल्ला क्लीनिक, क्लीनिक और दूसरे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सभी प्रकार के चिकित्सीय और गैर-चिकित्सीय वस्तु की आपूर्ति सुनिश्चित  की जाएगी।

विभाग ने अलग-अलग तरह के 776 चिकित्सीय और गैर चिकित्सीय उपकरणों की बड़ी मात्रा में आपूर्ति को अस्पतालों और डिस्पेंसरी में सुनिश्चित करने को लेकर सूची तैयार की है। इसमे ब्लड बैग, एमटीपी कैनुला, यूरिन कलेक्शन बैग, सर्जन ब्लैड, कैथेटर फोले, एन्डोट्रेकियल ट्यूब, रेडियोग्राफी के लिए फिल्म, कॉटन गोज, बैंडेज, स्टेराइल सर्जिकल रबर ग्लोब, हॉस्पिटल रबर शीट, हाइपोडर्मिक नीडल, जिंक ऑक्साइड एडहेसिव प्लास्टर, नासोगैस्ट्रिक ट्यूब, स्टेराइल हाइपोडर्मिक सिरिंज, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेट, सर्जन मास्क, सर्जन कैप, इंफेट फीडिंग ट्यूब, सक्शन कैथेटर फिंगर टिप सहित कई उपकरण शामिल है।

स्वास्थ्य संकट से निपटने में मिलेगी मदद
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अनुसार उपकरणों की आपूर्ति के लिए विभाग ने निविदा जारी कर दी है। निविदा में चयनित होने वाली एजेंसी दो साल तक चिकित्सीय उपकरणों की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी।

छोटी चीज की कमी भी बन जाती है उपचार में देरी
एक अधिकारी के अनुसार चिकित्सीय उपकरणों की सूची में कई उपकरण ऐसे है जिनकी जरूरत के बिना सर्जरी से लेकर मरीज का उपचार संभव नहीं है। कई बार छोटी चीज की उपलब्धता न होने की वजह से मरीज के उपचार में देरी हो जाती है। इस तरह की समस्या को दूर करने के लिए अस्पतालों, डिस्पेंसरी, क्लीनिक में उपकरणों की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।

अस्पताल सीधे जेम पोर्टल से चिकित्सीय उपकरण नहीं खरीद सकेंगे
दिल्ली का कोई भी अस्पताल और संस्थान सीधे चिकित्सीय उपकरण, मशीन, दवा खरीद के लिए निविदा जारी नहीं कर सकेगा। साथ ही गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल के जरिए खरीद पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार ऐसा देखने को मिल रहा है कि कुछ अस्पताल और संस्थान प्रत्यक्ष खरीद के माध्यम से जेम पोर्टल पर कार्ट सुविधा का उपयोग करके चिकित्सा उपकरण, मशीन सहित दूसरे संसाधनों की सीधे खरीद कर रहे है। इस प्रथा के कारण कीमतें बढ़ गईं। मू्ल्यों में विसंगति देखने को मिल रही है। सभी खरीद केवल ई-खरीद प्रक्रिया के माध्यम से की जानी चाहिए। अस्पतालों की ओर से जेम पोर्टल पर प्रत्यक्ष खरीद या कार्ट आधारित खरीद सख्त वर्जित है। सभी मांगों और निविदा की प्रक्रिया को केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) द्वारा देखा जाएगा। किसी भी अस्पताल या संस्था को सीधे तौर पर खरीदारी करने या निविदा जारी करने का अधिकार नहीं है। सिर्फ असाधारण या आपातकालीन स्थितियों में जेम पोर्टल से खरीद कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए संबंधित संस्था को सीपीए के समक्ष मांग प्रस्तुत करनी होगी। सीपीए अस्पताल की ओर से खरीद की तात्कालिकता का आकलन करेगा और समन्वय करेगा।

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