Stray Dogs: 90 हजार आवारा कुत्ते और शेल्टर होम सिर्फ आठ… सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बढ़ी BMC की मुश्किलें
मुंबई में करीब 90,600 आवारा कुत्तों के लिए केवल आठ शेल्टर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें शेल्टर में रखने का आदेश दिया है। बीएमसी अब इस आदेश को लागू करने की तैयारी में जुटी है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल शहर में पर्याप्त शेल्टर नहीं हैं।
मुंबई में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हड़कंप मच गया है। बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि शहर में करीब 90,600 आवारा कुत्ते हैं, लेकिन इनके लिए सिर्फ आठ शेल्टर होम हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद शेल्टर में शिफ्ट किया जाए। कोर्ट ने यह निर्देश संस्थागत क्षेत्रों में लगातार बढ़ते डॉग बाइट मामलों को गंभीरता से लेते हुए दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और रेलवे स्टेशन जैसे क्षेत्रों में बार-बार कुत्तों के काटने की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की विफलता को बताती हैं। कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे अमिकस क्यूरी द्वारा दायर रिपोर्ट में बताए गए कमियों को दूर करें। आदेश के अनुसार, सभी आवारा कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन के बाद उन्हें शेल्टर में रखा जाना अनिवार्य होगा।
बीएमसी की स्थिति और तैयारी
बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि 2014 से चल रहे एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) कार्यक्रम की वजह से आवारा कुत्तों की संख्या 95,752 से घटकर 90,600 हो गई है। फिलहाल शहर में केवल आठ डॉग शेल्टर हैं, जिनमें जगह बेहद सीमित है क्योंकि पहले के नियमों के तहत नसबंदी के बाद कुत्तों को वापस सड़कों पर छोड़ दिया जाता था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नई व्यवस्था लागू करने के लिए बीएमसी को बड़ी तैयारी करनी होगी।
नई व्यवस्था और चुनौतियां
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि आदेश के बाद पहले कुत्तों की पहचान, फिर नसबंदी और वैक्सीनेशन कर उन्हें शेल्टर में स्थायी रूप से रखना होगा। कुत्तों की औसत उम्र 12 से 15 वर्ष होती है, इसलिए उनके लिए दीर्घकालिक व्यवस्था करनी पड़ेगी। प्रत्येक शेल्टर में डॉग हैंडलर, पशु चिकित्सक, भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था जरूरी होगी। साथ ही शेल्टर को इस तरह से सुरक्षित बनाया जाएगा कि कोई कुत्ता बाहर न जा सके और न ही कोई बाहरी कुत्ता अंदर आए।
बीएमसी की योजना
अधिकारियों ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 30-40 प्रतिशत आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाया जाता है, तो लगभग 40,000 कुत्तों के लिए अतिरिक्त शेल्टर की आवश्यकता होगी। एक जोड़ी कुत्ते साल में करीब 20 पिल्ले पैदा कर सकती है, इसलिए प्रभावी नसबंदी जरूरी है। बीएमसी 1984 से यह कार्यक्रम चला रही है और 70 प्रतिशत कुत्तों का वार्षिक टीकाकरण कर रही है ताकि रेबीज का खतरा न फैले। आदेश लागू करने के लिए सख्त निगरानी और ठोस ढांचा तैयार करने की आवश्यकता होगी।
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