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Supreme Court On Green Crackers: सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे बनाने की दी इजाजत, दिल्ली-NCR में बिक्री पर रोक

Supreme Court On Green Crackers: देश की सर्वोच्च अदालत ने ग्रीन पटाखों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। लेकिन इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध को जारी रखा है। कोर्ट ने यह भी शर्त रखी है कि सिर्फ वही निर्माता पटाखे बनाएंगे जिनके पास ग्रीन पटाखे का सर्टिफिकेट होगा।

दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटाखा निर्माताओं को ग्रीन पटाखे बनाने की इजाजत दे दी है। लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि ये पटाखे दिल्ली-एनसीआर में नहीं बेचे जाएंगे, जब तक अगला आदेश नहीं आता। कोर्ट ने शर्त रखी है कि सिर्फ वही निर्माता पटाखे बनाएंगे जिनके पास ग्रीन पटाखे का सर्टिफिकेट होगा। यह प्रमाणपत्र नीरी (एनईईआरआई) और पेसो (पीईएसओ) जैसी अधिकृत एजेंसियों से ही जारी होना चाहिए।

पटाखा बनाने वालों को देना होगा लिखित वचन
बता दें कि पटाखा निर्माताओं को यह भी लिखित वचन देना होगा कि वे दिल्ली-एनसीआर में कोई पटाखा नहीं बेचेंगे। यह आदेश इसलिए दिया गया है क्योंकि इस क्षेत्र में दिवाली के समय प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है। इस मामले पर अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि आगे बिक्री पर क्या कदम उठाए जाएं।

पूरे देश में नहीं लगा सकते रोक- बीआर गवई 
बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि वह पूरे देश में पटाखों की बिक्री और निर्माण पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा सकता, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस बारे में कोई राष्ट्रीय स्तर का प्रतिबंध प्रस्तावित नहीं किया है।

राजधानी में 494 तक पहुंच गया था एक्यूआई
शीर्ष अदालत का यह कदम दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उठाया गया है। नवंबर 2024 में राजधानी का औसत एक्यूआई 494 तक पहुंच गया था, जिससे शहर घने स्मॉग की चादर में लिपट गया था और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया था। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिवाली से ठीक पहले आया है, जब पटाखों की बिक्री और जलाने से प्रदूषण का स्तर और ज्यादा बढ़ सकता था। अब दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।

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