मध्य प्रदेश के दमोह में देश खे सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश और दमोह के लिए यह गौरव की बात है। केंद्र सरकार ने टाइगर रिजर्व को बनाने को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस टाइगर रिजर्व में दमोह सहित सागर, नरसिंहपुर क्षेत्र को शामिल किया गया है। बता दें कि नौरादेही अभ्यारण को रानी दुर्गावती अभ्यारण में मिलाकर बनाया जाएगा। इसी के साथ यह देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। अभी दमोह, सागर और नरसिंहपुर के जंगली क्षेत्रों को मिलाया जाएगा। इस टाइगर रिजर्व के बन जाने से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही टाइगर रिजर्व के बन जाने से राज्य में रोजगार के नए अवसर लोगों को मिलेंगे। इस टाइगर रिजर्व का एरिया 2300 वर्ग किलोमीटर का होगा। देश में इतना बड़ा एरिया किसी भी टाइगर रिजर्व में नहीं है। इसके लिए दमोह जिले के जबेरा में केंद्र बनाया जाएगा। अभी नौरादेही अभ्यारण में 16 टाइगर हैं। संभावना जताई जा रही है कि आगामी दिलों में जब टाइगरों के क्षेत्र में वृद्धि होगी तो वह आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में भ्रमण करेंगे और उनकी संख्या बढ़ेगी। इस क्षेत्र में काफी विकास की संभावनाएं देखी जा रही है। साथ ही इससे पर्यटन के अलावा रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
बता दें कि एक समय था जब भारत में टाइगर्स की संख्या घटने लगी थी। 1973 में अधिकारियों ने पाया कि शताब्दी के आरंभ में बाघों की संख्या लगभग 5 हजार थी। लेकिन यह घटकर 1827 हो गई है। बाघों की घटना आबादी पर भारत सरकार चिंतित थी। ऐसे में बाघों के लिए सरकार द्वारा साल 1973 में परियोजना की शुरुआत की गई। बता दें कि भारत में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत केंद्र सरकार द्वारा कई अहम काम किए गए हैं ताकि बाघों की आबादी को संरक्षित किया जा सके। बता दें कि देश में कई बाघ अभ्यारण्य हैं, जिनमें जिम कॉर्बेट, सुंदरवन, बांधवगढ़, सरिस्का नेशनल पार्क, मानस नेशनल पार्क इत्यादि शामिल हैं।
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