उत्तर प्रदेश की निवासी महिला को यूएई में फांसी दिए जाने की खबर पर मुहर लग गई है। दिल्ली हाईकोर्ट में विदेश मंत्रालय ने बताया कि शहजादी खान को विगत 15 फरवरी को ही फांसी दे दी गई थी। केंद्र सरकार ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि अब उत्तर प्रदेश की इस महिला का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होना है। दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने विदेश मंत्रालय का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, अधिकारी इस संबंध में हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिता ने याचिका दायर कर विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप की अपील की थी। सरकार की तरफ से दाखिल जवाब के बाद अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया।
फरवरी के तीसरे हफ्ते में सूत्रों ने फांसी को गलत बताया था
इससे पहले 16-17 फरवरी को आई खबर के मुताबिक सूत्रों ने बताया था कि भारतीय नागरिक शहजादी यूएई की जेल में बंद है। सूत्रों के हवाले से आई इस खबर में कहा गया था कि शहजादी को 24 घंटे के भीतर फांसी दिए जाने की खबरें गलत हैं। सूत्रों ने बीते 17 फरवरी को कहा था कि भारतीय दूतावास मामले पर लगातार नजर रख रहा है।
शहजादी के पिता ने छह महीने पहले दी थी जानकारी
बता दें कि सितंबर 2024 की शुरुआत में, शहजादी के पिता शब्बीर ने बांदा में कहा था कि उनकी बेटी, जो लंबे समय से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेल में है, ने उन्हें फोन करके बताया था कि उसे 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी दी जा सकती है। शब्बीर ने यह भी कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमेल भेजकर अपनी बेटी की जान बचाने का अनुरोध किया था। दिन में पहले आई कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि शहजादी को 24 घंटे के भीतर फांसी दी जा सकती है।
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