West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाला केस में पूर्व मंत्री को जमानत, फिलहाल रिहाई नहीं; बेटी के साथ किया आत्मसमर्पण
पश्चिम बंगाल सरकार में पूर्व मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जमानत मिल गई है। एक अन्य मामले में पूर्व मंत्री ने बेटी के साथ सरेंडर किया। दोनों मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। बुधवार को बंगाल के इन बहुचर्चित मुकदमों में क्या कुछ हुआ? जानिए
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय को नवम–दशम नियुक्ति घोटाले के मामले में जमानत मिल गई है। सीबीआई द्वारा दायर इस मामले में अलीपुर विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को पार्थ की जमानत याचिका मंजूर कर ली। इससे पहले ग्रुप-सी नियुक्ति मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल चुकी थी, लेकिन तब भी उनकी जेल से रिहाई नहीं हो पाई थी। अब निचली अदालत से जमानत मिलने के बाद भी फिलहाल उनकी जेल से बाहर आने की संभावना नहीं है। इस बार उन्हें 7,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है।
उल्लेखनीय है कि पार्थ चट्टोपाध्याय को 2022 में गिरफ्तार किया गया था और तब से (सितंबर 2025 तक) वह जेल में ही हैं। इस घोटाले में उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी का नाम भी जुड़ा था, जिनके घर से करोड़ों रुपये नकद बरामद हुए थे। बता तें कि पार्थ के मंत्री रहते हुए हुई पूरी नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसी महीने उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका दिया जा रहा है। इसी पृष्ठभूमि में पार्थ को जमानत मिली है। हालांकि अदालत ने कल्याणमय गंगोपाध्याय और अशोक साहा की जमानत याचिका खारिज कर दी।
बेटी के साथ अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंचे पूर्व मंत्री
दूसरी ओर, बुधवार को एसएससी नियुक्ति घोटाले से जुड़े सीबीआई के एक अन्य मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री परेश चंद्र अधिकारी ने अपनी बेटी अंकिता अधिकारी के साथ अदालत में आत्मसमर्पण किया। दोनों ने दोपहर में अलीपुर स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश होकर जमानत की अर्जी दाखिल की। इसी मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय के निजी सचिव सुकांत आचार्य ने भी अदालत में आत्मसमर्पण किया। पार्थ चट्टोपाध्याय, समरजीत आचार्य, परणा बसु समेत कई अन्य आरोपियों ने भी जमानत की मांग की है। यह मामला एसएससी भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।
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