पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी की विरासत को खत्म नहीं किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने पटौदी की विरासत को बरकरार रखने की मांग की है। बता दें कि, भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 20 जून से होगा। पहला मुकाबला हेडिंग्ले में खेला जाएगा।
तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के नाम से जानी जाएगी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी रखा जाएगा।इससे पहले दोनों टीमों के बीच खेली जाने वाली यह सीरीज पदौटी ट्रॉफी के नाम से जानी जाती थी। इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज को पटौदी ट्रॉफी के लिए खेला जाता था। इसका नाम इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर रखा गया था। मार्च में ईसीबी ने पटौदी परिवार को लिखा था कि वे ट्रॉफी को रिटायर करना चाहते हैं। हालांकि, अब पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने मांग की है पटौदी की विरासत को खत्म नहीं करना चाहिए।
सचिन ने उठाई पटौदी की विरासत को बरकरार रखने की मांग
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, सचिन तेंदुलकर के अनुरोध के बाद इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) का मन बदल गया है। सचिन का मानना है कि पटौदी की विरासत को इस तरह खत्म नहीं किया जा सकता। इसे बरकरार रखने के लिए उन्होंने बीसीसीआई और ईसीबी के अधिकारियों से बात की है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि, ईसीबी अधिकारी ने इस निर्णय की पुष्टि की है कि पटौदी की विरासत बरकरार रहेगी। अधिकारी ने कहा- ‘हां, इंग्लैंड-भारत सीरीज में पटौदी लिंक को बनाए रखने की एक पुष्ट योजना है।’ माना जा रहा है कि दिवंगत एमएके पटौदी के नाम पर एक पदक का नाम रखा जा सकता है, जो सीरीज जीतने वाली टीम के कप्तान को दिया जाएगा। वहीं, सचिन तेंदुलकर के इस फैसले से प्रशंसक भी काफी खुश हैं। सोशल मीडिया पर वह इसकी जमकर सराहना कर रहे हैं।
तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के लॉन्च में देरी
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी का लॉन्च 14 जून यानी शनिवार को होना था। हालांकि, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) व भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आपसी सहमति के साथ इस कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला लिया। ट्रॉफी का अनावरण विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2023-25 के फाइनल के बाद होना था।
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