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लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद ‘आप’ का ध्यान दिल्ली विस चुनाव पर केंद्रित आप ने 2015 और 2020 में लगातार दो बार विधानसभा चुनावों में क्रमशः 67 और 62 सीट जीतकर मजबूत जनादेश हासिल किया था

देवेंद्र सिंह तोमर
नई दिल्ली, मेट्रो मीडिया। लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने अब अगले साल राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है और वह अपने विधायकों एवं कार्यकर्ताओं को जनता तक पहुंच बढ़ाने तथा विकास कार्यों में जुटने के लिए प्रेरित कर रही है।
आप ने 2015 और 2020 में लगातार दो बार विधानसभा चुनावों में क्रमशः 67 और 62 सीट जीतकर मजबूत जनादेश हासिल किया था लेकिन हालिया लोकसभा चुनाव में उसे करारी हार झेलनी पड़ी और वह दिल्ली में उन चार निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी में भी जीत हासिल नहीं कर पाई जिन पर उसने चुनाव लड़ा था।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि संसदीय चुनाव में मिली असफलता के बावजूद आप का ध्यान अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा, पार्टी नेताओं और स्वयंसेवकों को अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। विधायकों को स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का उपयोग करके अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में उन विकास कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं जो आदर्श आचार संहिता के कारण रुक गए थे।
भाजपा ने लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में दिल्ली के सभी सात निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की। इसने इन सात लोकसभा क्षेत्रों में फैले 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 52 में बढ़त हासिल की जो ‘आप’ के लिए खतरे की घंटी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पार्टी के नेताओं को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने और संगठन संबंधी चुनौतियों से निपटना होगा।
मुख्यमंत्री आवास पर बृहस्पतिवार को हुई बैठक में आप विधायकों को निर्देश दिया गया कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए वे हर सप्ताह शनिवार और रविवार को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करें। इसके अलावा शनिवार और रविवार को पार्टी पार्षदों और स्वयंसेवकों की बैठकें होंगी।
विधायकों के साथ बैठक के बाद आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने कहा चूंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में हैं, इसलिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

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