कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में हुए रेप केस पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निराशा जताते हुए कहा कि इस तरह की घटना से पूरा देश स्तब्ध है। इस वजह से डॉक्टर्स कम्युनिटी और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल बन रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मामले से जुड़े आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल भी खड़े करता है। राहुल का रेप केस से जुड़ा यह बयान मामला सामने आने के करीब 6 दिन बाद आया है। हालांकि इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा इस मामले पर दुख जता चुकी हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने लंबे पोस्ट में कहा, “कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की वीभत्स घटना से पूरा देश स्तब्ध है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुल कर सामने आ रही है, उससे डॉक्टर्स कम्युनिटी और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है।”
स्थानीय प्रशासन की सुस्ती पर सवाल खड़ा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।उन्होंने आगे कहा कि इस घटना ने हम सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर्स सेफ नहीं हैं तो किस भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने बाहर भेजें? निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल क्यों हैं?
देश में रेप के बढ़ते मामलों पर निराशा जताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हाथरस से उन्नाव, और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार-विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा, “मैं इस असहनीय कष्ट में पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा हूं। उन्हें हर हाल में न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सजा मिले जो समाज में एक नजीर की तरह प्रस्तुत की जाए।”
राहुल गांधी से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस केस पर 12 अगस्त को ट्वीट कर निराशा जताया था। उन्होंने X पर कहा, “कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है। कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा देश में बहुत बड़ा मुद्दा है और इसके लिए ठोस प्रयास की जरूरत है।”उन्होंने आगे कहा कि मेरी राज्य सरकार से अपील है कि इस मामले में त्वरित और सख्त से सख्त कार्रवाई हो और पीड़िता के परिवार और साथी डॉक्टरों को न्याय मिले।
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