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आरएमएल अस्पताल के कर्मियों ने रिटर्न में छूट के लिए पेश किए फर्जी दावे, आयकर विभाग की जांच में खुलासा

यही वजह है कि अस्पताल ने सर्कुलर जारी कर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सितंबर या उससे पहले ऐसे सभी फर्जी दावों को वापस लेने और संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया(आरएमएल) अस्पताल के कर्मियों ने आयकर रिटर्न में छूट के लिए फर्जी दावे प्रस्तुत किए है। यही वजह है कि अस्पताल ने सर्कुलर जारी कर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सितंबर या उससे पहले ऐसे सभी फर्जी दावों को वापस लेने और संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

 अस्पताल को आयकर विभाग से पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें विभागीय जांच में सामने आया कि अनेक कर्मचारियों ने विभिन्न कर निर्धारण वर्षों के लिए अपनी आयकर विवरण में कटौतियों/छूट का फर्जी दावा किया है। पत्र के अनुसार ऐसे मामले आयकर अधिनियम 1961 के तहत विभिन्न दंड और अभियोजन के लिए उत्तरदायी हैं। विभाग ने कर्मचारियों से ऐसे सभी फर्जी दावों को वापस लेने के बाद संशोधित रिटर्न दाखिल और ब्याज का भुगतान करने के निर्देश दिए है। साथ ही कर्मचारियों को इस संबंध में संवेदनशील बनाया जाएं।

अगर वह छूट/कटौती के फर्जी दावे वापस लेने, बकाया कर और ब्याज का भुगतान करने में विफल रहते हैं तो वह अतिरिक्त कर के अलावा विभिन्न कारणों के लिए जिम्मेदार होंगे। इसमें आय की गलत जानकारी देने पर 200 फीसदी कर लगेगा। कर चोरी के जानबूझकर प्रयास के लिए धारा 276सी के तहत अभियोजन पर कम से कम तीन महीने का कठोर कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।

आयकर विभाग ने पत्र में स्पष्ट किया है कि आयकर रिटर्न में छूट के लिए कर्मचारी दावों/कटौती के लिए प्रस्तुत किए सहायक दस्तावेजों का अपना रिकॉर्ड रखें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें की वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रिटर्न दाखिल करते समय, कर्मचारी गलत कटौती/दावों का दावा न कर रहे हों।

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