उत्तरकाशी.
आगामी यात्रा सीजन में गंगोत्री धाम हेली सेवा से जुड़ जाएगा। इसके लिए धाम से डेढ़ किमी पहले नगर पंचायत के पुराने पार्किंग स्थल में हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है। निर्माणाधीन हेलीपैड परिसर में देवदार के तीन वृक्ष भी हैं, जिनके पातन के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है।
अभी तक सीधे तौर पर हेली सेवा से नहीं जुड़े धाम
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री व यमुनोत्री धाम अभी तक सीधे तौर पर हेली सेवा से नहीं जुड़े हैं। गंगोत्री धाम जाने के लिए विशिष्ट-अतिविशिष्ट अतिथि और तीर्थ यात्रियों को 25 से 30 किमी दूर हर्षिल व झाला स्थित हेलीपैड पर उतरना पड़ता है।
आम तीर्थ यात्रियों को झेलनी पड़ती हैं खासी दिक्कतें
वीआइपी दौरे के दौरान हर्षिल से गंगोत्री के बीच हाईवे पर यात्रा को भी रोका जाता है, इससे आम तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इसी तरह से यमुनोत्री धाम जाने के लिए भी विशिष्ट-अतिविशिष्ट अतिथि और तीर्थ यात्रियों को खरसाली में उतरना पड़ता है। यहां से यमुनोत्री धाम के लिए छह किमी की दूरी पैदल दूरी नापनी पड़ती है। लेकिन, अब दोनों धामों में हेली सेवा मिलने की उम्मीद है।
गंगोत्री धाम में हेलीपैड का 80 प्रतिशत कार्य पूरा
यमुनोत्री धाम में गरुड़ गंगा के पास हेलीपैड के लिए स्थल चिह्नित कर उसका समतलीकरण किया जा चुका है। जबकि, गंगोत्री धाम में हेलीपैड का 80 प्रतिशत कार्य हो चुका है। यह हेलीपैड लगभग 35 लाख की धनराशि से नगर पंचायत के पुराने पार्किंग स्थल में बनाया जा रहा है।
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