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Grenade Attacks: गुरदासपुर के बाद अमृतसर और फिरोजपुर में होना था ग्रेनेड हमला, टेरर मॉड्यूल का बड़ा खुलासा

गुरदासपुर के बाद अमृतसर और फिरोजपुर में ग्रेनेड हमला होना था। अंतरराष्ट्रीय टेरर मॉड्यूल ने यह खुलासा किया है। शहजाद भट्टी के इशारे पर टेरर मॉड्यूल से जुड़े आतंकियों ने रेकी की थी। भट्टी के इशारे पर अमृतसर, फिरोजपुर और गुरदासपुर पुलिस स्टेशन की रेकी कर वीडियो भेजी गई थीं।

गुरदासपुर के सिटी पुलिस स्टेशन पर 25 नवंबर को हमले के बाद अगला नंबर अमृतसर और फिरोजपुर का था। शहजाद भट्टी के इशारे पर इन जगहों की रेकी भी कर ली गई थी। इसके सबूत आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल में मिले हैं।

जांच के दौरान टीम को पता चला है कि हमले के लिए ग्रेनेड ड्रोन के जरिये सीमापार से आ रहे थे। पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में जहां खेत या सुरक्षा बलों की चौकसी कम है, वहां रात के समय ड्रोन से हथियार भेजे जाते हैं। इन्हें लेने के लिए वहां पहले से आदमी मौजूद होता है।

हथियार और ग्रेनेड मिलने के बाद उन्हें आगे पहुंचा दिया जाता है। आतंकियों को देने वाली रकम हवाला के जरिये भारत भेजी जाती है। स्पेशल सेल के अतिरिक्त आयुक्त पीएस कुशवाह ने बताया कि पूछताछ के दौरान विकास ने बताया कि शुरुआत में वह इंदरगढ़, दतिया में मजदूरी करता था।

सोशल मीडिया पर शहजाद भट्टी से प्रभावित था। इस बीच इंस्टाग्राम पर उसकी भट्टी से बातचीत होने लगी। वह अवैध हथियारों के अलावा भट्टी के मॉड्यूल में शामिल हो गया। इस बीच भट्टी ने विकास को गुरदासपुर में एक पार्सल लेने भेजा। उसमें ग्रेनेड के अलावा अन्य सामान था।

इसके बाद भट्टी ने उसे ग्रेनेड को चलाने की वीडियो पर ट्रेनिंग दी। उसे पैसे भी मिल गए। बाद में भट्टी के इशारे पर विकास ने अमृतसर, फिरोजपुर और गुरदासपुर पुलिस स्टेशन की रेकी कर वीडियो भेजी।

भट्टी ने गुरदासपुर हमला करने के दिए थे आदेश
भट्टी ने हरगुनप्रीत, आसिफ और मोहन को विकास के पास भेजा। इन तीनों को गुरदासपुर हमला करने के आदेश दिए गए। हरगुनप्रीत ने बताया कि वह एक दोस्त के जरिए भट्टी के संपर्क में आया था। भट्टी के कहने पर वह अपने साथियों के साथ विकास के पास पहुंचा।

भट्टी के कहने पर हमले का वीडियो और मैप बनाया
बाद में हमला किया। हमले के समय मोहन बाइक चला रहा था। वहीं आसिफ करीब ढाई माह पूर्व इंस्टाग्राम के जरिए भट्टी के संपर्क में आया। भट्टी के कहने पर इसने हमले का वीडियो और मैप बनाया। भट्टी के कहने पर उसने विकास से संपर्क किया। गुरदासपुर हमले के बाद अगले आदेश तक उनको खमोश रहने और मोबाइल बंद करने की हिदायत दी गई थी।

सोशल मीडिया से भारतीय लड़कों को फंसा रहा भट्टी व इसका मॉड्यूल
शहजाद भट्टी व इसके साथी सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर गहरी निगाह रखते हैं। यहां वह कम उम्र के नौजवानों को पैसों और दूसरे लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। इसके बाद उनकी पैसे से लेकर जरूरत को पूरा किया जाता है। पैसा, रहने का इंतजाम, उनके लिए बाइक व दूसरे सभी इंतजाम शहजाद भट्टी व उसका गैंग करता है। बदले में भारत में हमले की बात की जाती है।

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