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हजरत सलीम चिश्ती की मजार पर लूट की कोशिश

पर्यटकों की चादर छीनने एवं चढ़ावे के रुपया लूटने का किया प्रयास,पुलिस को दी शिकायत

नीरज शुक्ला

फतेहपुर सीकरी। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में मजार शरीफ पर पर्यटकों की चादर छीनने और मजार शरीफ पर चढ़ावे का रुपया लूटने का प्रयास किया गया। मजार शरीफ के खादिमों द्वारा विरोध करने पर धक्का मुक्की व अश्लील गालियां दी गई।

 

अचानक घटी घटना से मजार शरीफ में मौजूद पर्यटक भयभीत हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने इस कृत्य से धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने व देश विदेश के पर्यटकों की दृष्टि में छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है।

 

घटना की तहरीर थाना पुलिस को दी गई है। थाना पुलिस को दी गई तहरीर में मजार शरीफ पर सेवा देने वाले कस्बा निवासी आकिब हुसैन ने लिखा है। रविवार दोपहर करीब 1 बजे सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में मजार शरीफ पर मेरे व साथी चांद के द्वारा मजार शरीफ पर पर्यटकों एवं जायरीन की चादर चढ़ावाने की रश्म अदायगी की जा रही थी। तभी अचानक कय्यूम व गुलाम मोहम्मद दो व्यक्ति मजार शरीफ में आए और पर्यटकों वाली चादर हम दोनों के हाथ से जबरन छीनकर धक्का मुक्की करने लगे। हमारे विरोध करने पर अश्लील गालियां देते हुए हाथापाई की गई एवं मजार शरीफ पर चादरों पर चढ़ाई गई धनराशि को लूट कर ले जाने का प्रयास करने लगे। इन दोनों के एक दर्जन साथी मजार शरीफ के बाहर भी खड़े हुए थे। यह लोग जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए।

 

इस घटना से मजार शरीफ की पवित्रता एवं धार्मिक आस्था तार तार करने का प्रयास किया गया है। क्योंकि घटना के समय मौजूद पर्यटक भयभीत होकर थरथर कांपने लगे थे। घटना की तहरीर थाना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

 

वही गुलाम मोहम्मद व कय्यूम का कहना है मजार शरीफ के लोगों के आरोप बुनियाद है। हमें धार्मिक गाइड करने का लाइसेंस मिला है। हम तो गाइडी का कार्य करने गए थे।

 

सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के सज्जादानशीन पीरजादा अरशद फरीदी का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा सर्किल कार्यालय द्वारा गलत तरीके से धार्मिक गाइड(मोअल्लिम) के लाइसेंस जारी किए गए हैं। इस आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट इलाहाबाद में रिट याचिका लंबित है। उन्होंने कहा फिलहाल आदेश के अनुसार यह लोगों सिर्फ गाइडी का कार्य कर सकते हैं उन्हें धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हजरत सलीम चिश्ती की दरगाह की मजार शरीफ में इस तरह का कृत्य करना निंदनीय एवं अपराधिक है।

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