दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल में रोजाना 2400 से 2600 मीट्रिक टन (एमटी) कचरा आता है, लेकिन वेस्ट-टू-एनर्जी (डब्ल्यूटीई) प्लांट में सिर्फ 700 से 1000 एमटी ही प्रोसेस हो पाता है। बाकी कचरा बायो-माइनिंग से बनी सीमित जगह पर डाला जाता है, क्योंकि ऊंचाई बढ़ाने की मनाही है। वहीं, पुराने कचरे को साफ करने का काम तेजी से चल रहा है और यह साल 2027 तक पूरा हो जाएगा। यह जानकारी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी अपनी हालिया स्थिति रिपोर्ट में दी है।

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