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Delhi: आधी नौकरी हो गई, नियमित अब भी नहीं, अब सता रहा नौकरी जाने का डर; नर्सिंगकर्मियों ने लगाई सरकार से गुहार

नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि दिल्ली में सरकारें आईं और गईं लेकिन नियमित करने के बजाय अनुबंध साल दर साल बढ़ाती रहीं। दिल्ली सरकार के जग प्रवेश चंद्र अस्पताल की नर्सिंग ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को वर्ष 2001 से कार्यरत नर्सिंग अधिकारियों के नियमित करने और नौकरी सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा है।

सरकारी अस्पतालों में 24 साल से अनुबंध पर कार्यरत नर्सिंग कर्मियों को अब नौकरी जाने का डर सताने लगा है। इस साल 11 माह का अनुबंध समाप्त होने पर प्रदेश सरकार ने मात्र तीन माह का ही अनुबंध बढ़ाया है जो 30 जून को समाप्त हो रहा है। इन नर्सिंग कर्मियों ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि नियमित करने की नीति तैयार होने तक अनुबंध न करें समाप्त।

नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि दिल्ली में सरकारें आईं और गईं लेकिन नियमित करने के बजाय अनुबंध साल दर साल बढ़ाती रहीं। दिल्ली सरकार के जग प्रवेश चंद्र अस्पताल की नर्सिंग ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को वर्ष 2001 से कार्यरत नर्सिंग अधिकारियों के नियमित करने और नौकरी सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा है। एसोसिएशन के महासचिव अनीश कुमार गुप्ता ने बताया कि अनुबंध का नवीकरण तीन माह का ही हुआ है जो 22 दिन बाद समाप्त हो जाएगा। सरकार से अनुरोध है कि कर्मियों को 60 वर्ष तक की नौकरी सुरक्षा दें।
स्पीच थेरेपी कर्मी का अनुबंध किया समाप्त
संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ने स्पीच थेरेपी के पद पर एक नियमित कर्मचारी की नियुक्ति होने पर अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी के अनुबंध समाप्ति को लेकर चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय ने सूचना जारी की है। उधर, दिल्ली स्टेट कांट्रेक्चुअल एम्पलाई एसोसिएशन के महासचिव गुलाब रब्बानी ने बताया कि इस वर्ष मार्च महीने में कैट ने एक आदेश पारित किया है।

3200 के लगभग पद पड़े हैं खाली  
ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन की महासचिव अनीता पंवार ने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में नर्सिंग अधिकारी के करीब 8150 पद है। इसमें 3200 के लगभग पद खाली पड़े है। 962 नर्सिंग अधिकारी अनुबंध पर कार्यरत हैं। इन्हें नियमित करने को लेकर आम आदमी सरकार को कई बार पत्र लिखा था। केजरीवाल ने वादा भी किया लेकिन सरकार चली भी गई लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। नर्सिंग कर्मियों को अब भी नियमित होने का इंतजार है।

नियमित करने की नीति हो तैयार 
दिल्ली स्टेट कांट्रेक्चुअल एम्पलाई एसोसिएशन के महासचिव गुलाब रब्बानी ने बताया कि कैट ने दिल्ली सरकार को अनुबंध पर कार्यरत नर्सिंग और पैरामेडिकल कर्मियों के नियमित करने की नीति को दोबारा से देखने को लेकर निर्देश दिए हैं। नियमित करने की नीति तैयार होने तक अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों की सेवा को समाप्त न करें। साथ ही सेवा विस्तार दिया जाए। इस मांग को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखा है।

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