Delhi: शातिर गिरोह ने और भी कई बच्चे बेचे, दिल्ली पुलिस ने शिशु तस्करी मामले की जांच में किया खुलासा
पुलिस ने बताया कि एक बच्चे को चोरी के बाद कई जगह बेचा गया। पुलिस के मुताबिक वीरभान, उसका ससुर कालीचरण और रामबरन साथ मिलकर बच्चे को आगरा स्थित केके अस्पताल के मालिक डॉ. कमलेश के पास ले गए।
शिशुओं की तस्करी से जुड़े गिरोह की जांच में पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। अब वह गिरोह के अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। पुलिस ने बताया कि दिल्ली में बस अड्डे से बच्चे को अगवा करने वाले वीरभान की गिरफ्तारी के बाद ससुर कालीचरण को पकड़ा गया।
पुलिस ने बताया कि एक बच्चे को चोरी के बाद कई जगह बेचा गया। पुलिस के मुताबिक वीरभान, उसका ससुर कालीचरण और रामबरन साथ मिलकर बच्चे को आगरा स्थित केके अस्पताल के मालिक डॉ. कमलेश के पास ले गए। डॉ. कमलेश की निशानदेही पर राम नगर निवासी सुंदर को पकड़ लिया। इसके बाद आगरा निवासी कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा दो बहनों को उनके घर पर छापा मार कर गिरफ्तार कर लिया। दोनों बहनों ने खुलासा किया कि बच्चा ज्योत्सना को बेचा जाना था। आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने नैनीताल में दंपती को एक अन्य नवजात शिशु को भी बेचा है। उस बच्चे का भी नैनीताल से पता लगाया गया। इसके बाद राकेश की पत्नी रितु को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद आरोपी महिला ज्योत्सना को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
फरार तस्करों की तलाश
पुलिस को पता चला कि आगरा के परिवार को 2 महीने का एक बच्चा बेचा था। बच्चे को पुलिस ने आगरा से सकुशल ढूंढ निकाला। इस बीच सुंदर के ज़रिये रचिता मित्तल उर्फ रुबीना अग्रवाल के जरिये और बच्चा बेचा गया। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया और 2 महीने का एक बच्चा बरामद कर लिया गया। रचिता की निशानदेही पर आगरा के ही तीसरे परिवार से 10 दिन के एक बच्चे को छुड़ाया गया। जो रचिता और सुंदर सिंह के ज़रिए खरीदा गया था। आगे पूछताछ करने पर सुंदर ने खुलासा किया कि निखिल ने भी 1 साल की बच्ची को उसे सौंपा था। जिसने अगस्त 2025 में बच्ची को आगरा के फतेहाबाद के एक परिवार को बेच दिया था। बच्ची को कामिनी के कब्ज़े से छुड़ा लिया गया और निखिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कामिनी समेत कुछ फरार तस्करों की तलाश की जा रही है।
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