Delhi : नेहरू प्लेस मार्केट की रंगत बदलने की तैयारी, डीडीए ने 17.63 करोड़ रुपये खर्च कर तैयार की योजना
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने करीब 17.63 करोड़ रुपये खर्च कर इस महत्वपूर्ण व्यावसायिक केंद्र को संवारने की योजना तैयार की है। जल्द ही योजना पर काम शुरू हो जाएगा।
जल्द ही नेहरू प्लेस मार्केट हस्तशिल्प पेंटिंग से रंगीन नजर आएगा। इसके अलावा मार्केट में राहगीरों की सुविधा के लिए फुटपाथों को चमकाकर नए वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने करीब 17.63 करोड़ रुपये खर्च कर इस महत्वपूर्ण व्यावसायिक केंद्र को संवारने की योजना तैयार की है। जल्द ही योजना पर काम शुरू हो जाएगा।
नेहरू प्लेस एशिया के सबसे बड़े आईटी केंद्रों में से एक है। इसे 1970 के दशक में दिल्ली विकास प्राधिकरण ने दिल्ली में 11 जिला केंद्रों में से एक के रूप में विकसित किया था। वर्ष 1980 के दशक में ये मुख्य व्यावसायिक केंद्र के रूप में उभरा। यहां कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य आईटी उपकरण थोक के भाव में मिलते हैं। कई रेस्तरां, कैफे और फूड कोर्ट भी हैं। ये क्षेत्र हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाता है। हर दिन यहां हजारों लोगों की भीड़ जुटती है, लेकिन कुछ साल से इस मार्केट की रंगत फीकी पड़ने लगी है। ऐसे में डीडीए ने इसे एक नया और आकर्षक रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
दीवारों पर दिखेगी हस्तशिल्प पेंटिंग
डीडीए ने नेहरू प्लेस जिला केंद्र के विभिन्न स्थानों पर हस्तशिल्प पेंटिंग के काम के लिए ई-निविदा जारी की है। इसमें दीवारों और मेट्रो के आसपास दिल्ली की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत से संबंधित हस्तशिल्प पेंटिंग बनाई जाएंगी। इस विशेष काम के लिए अनुमानित लागत करीब 15.85 लाख रुपये तय की गई है। योग्य ठेकेदारों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इस काम को पूरा करने के लिए 45 दिनों का समय निर्धारित किया गया है।
सड़क, फुटपाथ नए सिरे से बनेंगे
डीडीए ने मार्केट और आसपास की सड़कों, फुटपाथों को भी बनाने के लिए अलग बजट तय किया है। इस पर करीब 1.78 लाख रुपये खर्च होंगे। नए वेटिंग एरिया भी बनाए जाएंगे। ये काम 30 दिन में पूरा करने का लक्ष्य है। अधिकारियों के मुताबिक हाल ही में टेलीकॉम कंपनी ने ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई थी जिससे देविका टॉवर पार्किंग के पास सड़कों और फुटपाथों को नुकसान पहुंचा था। अब इन्हें फिर से दुरुस्त किया जाएगा। जल्द काम शुरू होगा और योजना का मुख्य उद्देश्य नेहरू प्लेस जिला केंद्र के सौंदर्य को बढ़ाना है।
पहले कालकाजी कांप्लेक्स था नाम
नेहरू प्लेस जिला केंद्र 1960 के दशक में कालकाजी कांप्लेक्स के रूप में स्थापित किया गया था, लेकिन 1980 के दशक में इसका नाम बदलकर नेहरू प्लेस कर दिया गया। ये नाम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक 1984 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये व्यावसायिक स्थल सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख केंद्र बन गया। यहां कई कंपनियों यों के मुख्यालय हैं। ऐसे में ये कनाट प्लेस, भीकाजी कामा प्लेस, राजेन्द्र प्लेस सहित गुरुग्राम को कड़ी टक्कर देता है। लोटस टेंपल और कालकाजी मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल इसके करीब हैं। ऐसे में यहां दिल्ली और आसपास के शहरों से काफी लोग आते हैं।
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