रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ ग्रुप की करीब 681.54 करोड़ रुपये की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। रामप्रस्थ ग्रुप पर दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में चल रहीं कई परियोजनाओं में हजारों घर खरीदारों से करोड़ों रुपये ठगने का आरोप है।
ईडी ने बताया कि जब्त संपत्तियों में गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में स्थित करीब 226 एकड़ की दो कॉलोनियां और बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वजीरपुर की करीब 1,700 एकड़ जमीन शामिल है।
ईडी ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। रामप्रस्थ ग्रुप और इसके प्रमोटरों अरविंद वालिया, बलवंत चौधरी सिंह और संदीप यादव पर लोगों से पैसे लेने के बाद मकान और भूखंड नहीं देने का आरोप है।
दो हजार ग्राहकों से जुटाए थे 1,100 करोड़ रुपये
ईडी की जांच में पता चला है कि रामप्रस्थ ग्रुप ने वर्ष 2008 से 2011 के बीच प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काइज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्थ सिटी जैसी परियोजनाएं शुरू कीं लेकिन 17 साल बाद भी कई लोगों को न तो घर मिला और न ही भूखंड। कंपनी ने दो हजार से अधिक घर और प्लॉट खरीदारों से 1,100 करोड़ रुपये जुटाए और अपने समूह की कंपनियों में धनराशि को हस्तांतरित कर दिया।
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