दिल्ली में पैदल यात्रियों की मौत के आंकड़े डरा रहे हैं। पिछले साल के शुरुआती छह महीनों की तरह इस साल भी जून तक 286 पैदल यात्रियों ने अपनी जान सड़क हादसों में गंवाई है। इस अवधि में सड़क हादसों में तो 11.57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। दोपहिया सवारों की मौत का आंकड़ा भी घटा है।
हर रोज करीब चार लोगों की होती है मौत
आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष के शुरुआती छह महीने के मुकाबले इस वर्ष के शुरुआती छह महीनों में सड़क दुर्घटनाओं में 11.57 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2024 के शुरुआती छह महीनों में हुई 764 सड़क दुर्घटनाओं में 778 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, इस वर्ष के शुरुआती छह महीनों में हुई 665 सड़क दुर्घटनाओं में सिर्फ 688 लोगों की मौत हुई है। इस वर्ष के शुरुआती छह महीनों के आंकड़े देखें तो राष्ट्रीय राजधानी में हर रोज करीब चार लोगों की मौत हुई है, जबकि वर्ष 2024 में हर रोज करीब पांच लोगों की मौत होती थी।
नरेला सर्किल में हो रहीं सबसे ज्यादा मौतें
राजधानी में बाहरी दिल्ली का नरेला सर्किल ऐसा है, जहां सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। ये सिलसिला इस वर्ष भी जारी है। वर्ष 2024 में नरेला सर्किल में हुईं 65 सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 66 मौतें हुई थीं। वहीं इस वर्ष भी नरेला सर्किल में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इस वर्ष 55 सड़क दुर्घटनाओं में 58 लोगों की मौत हुई है।
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