तकनीक के साइड इफेक्ट: वर्चुअल बधाइयों के बीच घटती नजदीकियां, अपनापन स्क्रीन तक सीमित, ऑनलाइन गिफ्टिंग का चलन
बाजार जगमगा रहे हैं, ऑनलाइन स्टोर पर ऑफर की बाढ़ है, मोबाइल नोटिफिकेशन लगातार हैप्पी दिवाली के संदेशों से भरे हैं। हैप्पी दिवाली के मैसेज इतने हैं कि देखने की फुर्सत नहीं लेकिन दिल सूना है और बचपन की उस दिवाली को याद करता है जब संसाधन कम थे लेकिन रिश्तों में अपनापन था।
दीयों की लौ में चमकने वाले रिश्ते अब मोबाइल स्क्रीन की रोशनी में धुंधले पड़ गए हैं। दिवाली की बधाइयां अब इमोजी और फॉरवर्ड मैसेज तक सिमट गई हैं। डिजिटल युग ने त्योहारों को जितना चकाचौंध बना दिया हैं उतना ही रिश्तों में अपनापन छीन लिया है।
बाजार जगमगा रहे हैं, ऑनलाइन स्टोर पर ऑफर की बाढ़ है, मोबाइल नोटिफिकेशन लगातार हैप्पी दिवाली के संदेशों से भरे हैं। हैप्पी दिवाली के मैसेज इतने हैं कि देखने की फुर्सत नहीं लेकिन दिल सूना है और बचपन की उस दिवाली को याद करता है जब संसाधन कम थे लेकिन रिश्तों में अपनापन था।
No Comments: