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UER-2: टोल माफी पर केंद्र सरकार और गांव वाले आमने-सामने, टकराव के बीच मुलाकात बेनतीजा; आंदोलन तेज करने का एलान

यूईआर-2 स्थित बक्करवाला-मुंडका में टोल टैक्स माफी को लेकर केंद्र सरकार और ग्रामीणों के बीच टकराव बढ़ गया है। इस संबंध में अलग-अलग आंदोलन कर रहे ग्रामीणों के दो खेमों ने बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग प्राधिकरण राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा से इलाके के सांसदों व विधायकों और भाजपा नेताओं के साथ अलग-अलग मुलाकात की। उनके बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही। मंत्री ने साफ कर दिया कि किसी भी गांव को टोल से छूट नहीं दी जाएगी, जबकि ग्रामीणों ने कहा कि वह टोल नहीं देंगे। उनसे मिलने के बाद दोनों खेमों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान किया। इस तरह केंद्र सरकार व ग्रामीणों के बीच यह विवाद सीधी टक्कर की ओर बढ़ता दिख रहा है।

यूईआर-2 स्थित बक्करवाला-मुंडका में टोल प्लाजा बनाने के विरोध में ग्रामीणों के दो खेमे कई बार पंचायत कर चुके हैं। इस कड़ी में 21 सितंबर को बक्करवाला गांव में हुई महापंचायत के दौरान भाजपा के दो विधायकों ने केंद्र सरकार से बात कराने की बात करते हुए ग्रामीणों से आंदोलन स्थगित करने का आग्रह किया और ग्रामीणों ने उनकी बात मान ली। इस कड़ी में ग्रामीणों के दोनों खेमों की सांसद कमलजीत सहरावत व योगेंद्र चांदोलिया व कई विधायकों व भाजपा नेताओं ने हर्ष मल्होत्रा से अलग-अलग मुलाकात कराई। चौ. सुरेंद्र सोलंकी व चौ. रामकुमार सोलंकी की अगुवाई में ग्रामीणों ने मांग रखी कि जिनकी जमीनें इस परियोजना में गई हैं, उन्हें टोल से मुक्त किया जाए। संभव हो सके तो दिल्ली के सभी ग्रामीणों को छूट दी जाए, लेकिन मंत्री ने दो टूक कह दिया कि देश में कहीं भी ग्रामीणों को टोल में छूट नहीं मिलती, दिल्ली अपवाद नहीं हो सकती।
ग्रामीणों में बढ़ी नाराजगी
सरकार के इस रुख से ग्रामीण भड़क उठे। सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि यह अन्यायपूर्ण है और सरकार गांव वालों की पीड़ा को समझने के बजाय नियमों की आड़ में टाल रही है। वहीं, रामकुमार सोलंकी ने सुझाव दिया कि जैसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर सर्विस रोड बनाई जाती है, वैसे ही यूईआर-2 के साथ भी सर्विस रोड बनाई जाए। इस पर मंत्री ने आश्वासन तो दिया कि वह इस पर सरकार से चर्चा करेंगे, लेकिन तब तक टोल माफी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यूटर्न की भी बात नहीं मानी।

आंदोलन और तेज करने का ऐलान
दोनों खेमों ने बातचीत नाकाम रहने के बाद ऐलान किया कि अब आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस बारे में वह जल्द ही अपनी रणनीति का ऐलान करेंगे और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हम टोल टैक्स के खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगे। सरकार अगर हमें मजबूर करेगी तो टकराव और गहरा होगा। इस तरह सरकार और ग्रामीणों के बीच यह तनातनी अब बड़े टकराव में बदल सकती है।

गांवों के निजी वाहनों को दी जाए टोल फ्री सुविधा : बिधूड़ी
भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर दिल्ली देहात का ज्ञापन सौंपा। उन्होंने गडकरी से आग्रह किया कि विश्वस्तरीय हाईवे यूईआर-2 के निर्माण में जिन गांवों की जमीन अधिग्रहित की गई थी, उनके निजी वाहनों को टोल फ्री की सुविधा दी जाए।

उन्होंने ज्ञापन में कहा कि यूईआर-2 के निर्माण के लिए 2002 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने दिल्ली के किसानों की जमीन कोड़ियों के दाम अधिग्रहित की थी और इसके लिए मात्र 13.60 लाख रुपये एकड़ का मुआवजा दिया गया, जोकि बहुत कम था। अलीपुर से महिपालपुर तक गांव इससे प्रभावित हुए। बिधूड़ी ने मंत्री से आग्रह किया कि इन सभी गांवों के केवल निजी वाहनों के लिए टोल फ्री सुविधा प्रदान की जाए।

कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा, सड़कों पर लड़ने की चेतावनी दी
यूईआर-2 पर टोल टैक्स के विरोध में आंदोलन कर रहे ग्रामीणों व केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग प्राधिकरण राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा के साथ बातचीत विफल होने पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि भाजपा सिर्फ वोट लेने की राजनीति करती है और जनता की समस्याओं को हल करने की कोई नीयत नहीं रखती। उन्होंने याद दिलाया कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समय एनएचआईए मंत्री कमलनाथ ने कापसहेड़ा और गुरूग्राम बॉर्डर से टोल हटवाया था। उन्होंने कहा कि उसी तरह यूईआर-2 से भी टोल हटना चाहिए।

डॉ. नरेश कुमार ने चेतावनी दी कि जब तक यूईआर-2 से टोल टैक्स नहीं हटता, कांग्रेस दिल्ली के लोगों की लड़ाई सड़कों पर लड़ेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर भी निशाना साधा और कहा कि आज वह यूईआर-2 के पास से होकर हिरणकुंदना गांव पहुंचीं, लेकिन उन्हें यह समझ ही नहीं आया कि दिल्ली के लोग टोल टैक्स से कितनी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मुंडका रोड की खराब स्थिति को भी उदाहरण के तौर पर सामने रखा। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार की उदासीनता से ग्रामीण और शहर दोनों के लोग प्रभावित हैं और अब आंदोलन तेज होने की संभावना है।

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