header advertisement

डेढ़ साल के बच्चे की किडनैपिंग की गुत्थी सुलझी: चार बेटियां थी, इसलिए दंपति ने लड़का खरीदा; सभी आरोपी गिरफ्तार

देवकी ने आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिला मंजू के कहने पर सीलमपुर मेट्रो स्टेशन से बच्चे को अगवा किया था। पुलिस ने अपहरण की साजिश रचने, उसे बेचने और खरीदने वाले दंपती को गिरफ्तार किया है।

मेट्रो पुलिस ने सात माह पहले डेढ़ साल के बच्चे को अगवा करने वाली महिला को महोबा यूपी से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के निशानदेही पर पुलिस ने अपहरण की साजिश रचने, उसे बेचने और खरीदने वाले दंपती को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने बच्चे को उसकी मां के हवाले कर दिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटी है।

मेट्रो पुलिस उपायुक्त कुशल पाल सिंह ने बताया कि 4 जून को पूनम नाम की महिला ने सीलमपुर मेट्रो स्टेशन से अपने डेढ़ साल के बच्चे के अगवा होने की शिकायत की। शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन थाना पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। जांच के दौरान पुलिस ने स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की, जिसमें स्टेशन पर भीख मांगने वाली देवकी को बच्चा को लेकर जाते हुए देखा गया। काफी कोशिशों के बावजूद आरोपी या बच्चे के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिला। बाद में मामले को मेट्रो के एटीएस यूनिट को ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस टीम ने तकनीकी जांच से पता लगाया कि आरोपी महिला उत्तर प्रदेश के महोबा में है। निरीक्षक उमेश राणा के नेतृत्व में पुलिस टीम वहां पहुंची और स्थानीय स्तर पर जांच कर महोबा के हमीरपुर चुंगी स्थित एक किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपी देवकी ने बताया कि अजीत नगर झुग्गी में रहने वाली मंजू के कहने पर उसने बच्चे का अपहरण किया। उसने बच्चे को करीब 15 दिनों तक अपने पास रखने के बाद उसे आर्य नगर में रहने वाले धीर सिंह और उसकी पत्नी बनीता को डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने धीर सिंह और उसकी पत्नी बबीता को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बच्चे को बरामद कर लिया। जांच में पता चला कि इस मामले में आर्य नगर निवासी शीला ने बिचौलिया का काम किया। पुलिस ने बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश कर बच्चे को उसकी मां के हवाले कर दिया।

बेटे की चाहत में बच्चे को खरीदा
जांच और पूछताछ में पता चला कि 40 साल का धीर सिंह अपनी पत्नी बबीता अपने चार बेटियों के साथ आर्य नगर में रहते थे। धीर कैमरा इंस्टॉलेशन के लिए प्राइवेट ठेकेदार का काम करता है। उसकी पत्नी बबीता घरेलू सहायिका का काम करती है। उसकी चार बेटियां थी, वह एक बेटा चाहती थी, लेकिन उसके बच्चा पैदा करने में कुछ दिक्कत आ रही थी। वह घरेलू सहायिका का काम करने वाली शीला को एक बेटे को गोद लेने की बात कही थी। पुलिस को जांच में पता चला कि मंजू देवी गांधी नगर स्थित एक आंगनवाड़ी में हेल्पर का काम करती थी। वह झुग्गी में बच्चों का डिलीवरी करवाती थी। इस दौरान एक दंपती ने उसे एक बच्चे को गोद लेने की बात कही।

इसके बाद मंजू ने सीलमपुर मेट्रो स्टेशन पर भीख मांगने वाली देवकी को दस बीस हजार रुपये लेकर वहां भीख मांगने वाली एक महिला के बच्चे को अगवा करने के लिए राजी कर लिया। बच्चे को अगवा कर देवकी उसे मंजू को दे दिया। लेकिन बच्चे को गोद लेने वाले ने परिजनों के होने पर ही बच्चे लेने की बात कही। सौदा नहीं होने के बीच में शीला को मंजू के पास बच्चा होने का पता चला और वह बिचौलिया की भूमिका अदा कर धीर सिंह और उसकी पत्नी को डेढ़ लाख में बच्चा दिलवा दिया।

फेसबुक से मुख्य आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपहरण के बाद पुलिस को मुख्य आरोपी देवकी का सिर्फ नाम पता था। लेकिन उसके ठिकाने के बारे में पुलिस को कुछ भी नहीं पता। स्टेशन के आस पास रहने वाले लोगों ने बताया कि देवकी सोशल मीडिया पर सक्रिय है। उसके बाद पुलिस ने उसके नाम से सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म की जांच की। पुलिस को फेसबुक पर उसका प्रोफाइल मिल गया। जिसमें वह रील डालती थी। पुलिस ने तकनीकी जांच कर महोबा पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics