राजधानी की सड़कों पर चल रहीं नई ईवी कनेक्टर (देवी) बसों को मेट्रो के यात्रियों से जोड़ने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यमुनापार में नए बस रूट तैयार किए गए हैं। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे पूरी दिल्ली में लागू किया जाएगा।
दरअसल, लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर सरकार का जोर है। कम लंबाई वाली 9 मीटर की इन बसों के लिए सरकार राजधानी में 145 नए रूट शुरू करने की तैयारी में है। इन रूटों को खास तौर पर लास्ट माइल कनेक्टिविटी और मेट्रो स्टेशनों से बेहतर तरीके से जोड़ने को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देवी बसें दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) और क्लस्टर बसों के 12 मीटर लंबी बसों के रूट पर दौड़ रही हैं जहां इनकी प्रभावशीलता सीमित नजर आई है। बड़ी बसों के मुकाबले छोटी देवी बसों में सवारियां कम हैं। इसकी वजह यह है कि ये बसें उन इलाकों में नहीं चल पा रही हैं जहां इनकी जरूरत सबसे ज्यादा है।
ऐसे में आईआईटी दिल्ली की मदद से 145 नए रूटों का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। सरकार सबसे पहले यमुना विहार से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करेगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से पूरे शहर में इन रूटों को लागू किया जाएगा।
इन रूटों को इस तरह तैयार किया गया है जिससे कॉलोनियों और मेट्रो स्टेशनों के बीच सुगम कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके। विभाग सिर्फ बसें नहीं बल्कि खास डिजिटल बस स्टॉप भी विकसित कर रहा है। इन स्टॉप पर छोटी डिजिटल स्क्रीन लगी होंगी जो रूट नंबर, बस की लोकेशन, आगमन व प्रस्थान समय जैसी जानकारियां दिखाएंगी। इस परियोजना को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के सहयोग से अमलीजामा पहनाया जाएगा।
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