भारत के डिजिटल भविष्य को नई दिशा देने के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अब मेटा प्लेटफॉर्म्स (Meta Platforms Inc.) के साथ हाथ मिला लिया है। कंपनी की ओर से जारी एक रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, फेसबुक ओवरसीज (Facebook Overseas), जो मेटा की सब्सिडियरी इकाई है, रिलायंस के साथ मिलकर एक नया एआई वेंचर शुरू करने जा रही है। यह नया जॉइंट वेंचर “रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (Reliance Enterprise Intelligence Ltd – REIL)” के नाम से बनाया गया है। इस वेंचर में रिलायंस की 70 प्रतिशत और फेसबुक की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में ₹855 करोड़ का निवेश
RIL की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड और फेसबुक मिलकर इस वेंचर में कुल ₹855 करोड़ का प्रारंभिक निवेश कर रहे हैं। कंपनी ने अपने बयान में बताया कि 24 अक्टूबर 2025 को REIL का पंजीकरण भारत में किया गया था, और यह कंपनी एंटरप्राइज एआई सेवाओं के डेवलपमेंट, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम करेगी।
जाइंट वेंचर की संरचना
रिलायंस और फेसबुक के बीच हुई इस साझेदारी के तहत— रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड 70% स्वामित्व रखेगा जबकि फेसबुक ओवरसीज (Meta Platforms Inc.) के पास 30% हिस्सा रहेगा। कंपनी ने बताया कि REIL भारत में एंटरप्राइज लेवल के लिए एआई सॉल्यूशंस तैयार करेगी, जो विभिन्न उद्योगों जैसे रिटेल, ऑटोमोटिव, फाइनेंस और मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग किए जा सकेंगे।
कोई सरकारी अनुमति जरूरी नहीं
रिलायंस ने स्पष्ट किया कि REIL के गठन के लिए किसी भी सरकारी या नियामक स्वीकृति की आवश्यकता नहीं थी। यह वेंचर भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तेजी से बढ़ते बाजार में स्वदेशी तकनीकी समाधानों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बनाया गया है।
भारत में एआई की नई क्रांति
यह साझेदारी ऐसे समय में सामने आई है जब भारत में जनरेटिव एआई, मशीन लर्निंग और बिजनेस ऑटोमेशन की मांग तेजी से बढ़ रही है। रिलायंस और मेटा पहले भी जियो प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से साथ काम कर चुके हैं, और अब एआई के क्षेत्र में यह सहयोग भारत के डिजिटल सेक्टर में क्रांति ला सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, REIL का मुख्य फोकस भारतीय उद्योगों के लिए कस्टम एआई सॉल्यूशंस विकसित करने, डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन सेवाओं को सशक्त बनाने और स्मार्ट एंटरप्राइज टूल्स को बाजार में उतारने पर होगा।
भारत को वैश्विक एआई हब बनाने की दिशा में कदम
रिलायंस और मेटा की यह साझेदारी भारत को ग्लोबल एआई इनोवेशन हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वेंचर के जरिए भारत में न केवल एआई टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। रिलायंस का लक्ष्य है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए भारतीय कंपनियों को एआई-आधारित निर्णय लेने की क्षमता दी जाए, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें। ₹855 करोड़ के शुरुआती निवेश से शुरू हुआ यह रिलायंस-मेटा वेंचर भारत के एआई सेक्टर में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। यह न केवल तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि भारत को एंटरप्राइज एआई सॉल्यूशंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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