header advertisement

Antivirus: आपके कंप्यूटर में पहले से आता है एंटी वायरस, कई तरह के मालवेयर और साइबर अटैक से रखता है सेफ

In-Built Computer Antivirus: आजकल हर तरह के आपरेटिंग सिस्टम में बिल्ट-इन एंटी वायरस मौजूद होता है, लेकिन कई लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता और वे अलग से एंटी वायरस इंस्टॉल कर लेते हैं जिससे उनका कंप्यूटर स्लो हो जाता है।

आज के समय में वायरस से सुरक्षा किसी भी कंप्यूटर यूजर के लिए सबसे जरूरी चीज बन चुकी है। चाहे आप Windows चलाते हों, macOS इस्तेमाल करते हों या फिर Ubuntu Linux, हर प्लेटफॉर्म अपनी ओर से यूजर्स के लिए कुछ न कुछ इनबिल्ट प्रोटेक्शन जरूर देता है। ये एंटी वायरस इतने एडवांस होते हैं कि आपको अलग से कोई एंटी वायरस इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती। आइए जानते हैं अगल-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम में कौन से एंटी वायरस इनबिल्ट आते हैं।

Microsoft Windows में डिफॉल्ट मिलता है Defender Antivirus
दुनियाभर में Microsoft का Windows ऑपरेटिंग सिस्टम्स सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी यूजर्स से सिस्टम को वायरस के बचाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम में Windows Defender एंटी वायरस इनबिल्ट देती है। यह एंटीवायरस सिस्टम Windows 10 और Windows 11 में डिफॉल्ट रूप से एक्टिव रहता है। यह वायरस, मालवेयर, स्पाइवेयर और फिशिंग अटैक से सुरक्षा देता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे अलग से इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं पड़ती और यह रियल टाइम में सिस्टम की निगरानी करता है। माइक्रोसॉफ्ट नियमित रूप से Windows Update के जरिए नए वायरस डिफिनिशन अपडेट करता है, जिससे यह नए खतरे पहचानने में सक्षम रहता है। साथ ही, इसमें Firewall Protection, SmartScreen Filter और Ransomware Protection जैसे अतिरिक्त फीचर्स कई तरह से साइबर अटैक से भी सुरक्षा देते हैं।
Apple macOS में मिलती है ‘XProtect’ और ‘Gatekeeper’ की डबल सिक्योरिटी
Apple के Mac कंप्यूटर अपनी सिक्योरिटी के लिए पहले से ही मशहूर हैं। macOS में XProtect बिल्ट-इन एंटीवायरस सिस्टम मौजूद होता है, जो बैकग्राउंड में लगातार सक्रिय रहता है। XProtect नए मैलवेयर पैटर्न्स की पहचान करता है और जरूरत पड़ने पर खतरनाक फाइल्स को ब्लॉक या क्वारंटाइन कर देता है। इसके अलावा, macOS में Gatekeeper नामक एक और फीचर है, जो केवल भरोसेमंद डेवलपर्स के एप्स को सिस्टम में इंस्टॉल होने देता है। इससे अनजाने या अनवेरिफाइड एप्स से सिस्टम को खतरा नहीं होता। Apple अपने सिस्टम सिक्योरिटी को अक्सर अपडेट करता रहता है ताकि हैकर्स के नए हमलों से भी सुरक्षा बनी रहे।

Ubuntu Linux OS में मिलता है AppArmor’ और ‘ClamAV’ का प्रोटेक्शन
Ubuntu जैसे लिनक्स आधारित सिस्टम्स को पहले से ही सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इनका कोर स्ट्रक्चर ओपन-सोर्स और मजबूत परमिशन सिस्टम पर आधारित है। फिर भी, Ubuntu में भी कुछ इनबिल्ट सिक्योरिटी टूल्स शामिल हैं। Ubuntu में AppArmor नाम का सिक्योरिटी मॉड्यूल मौजूद है, जो सिस्टम की फाइल्स और एप्लिकेशन्स को सीमित एक्सेस देता है ताकि कोई प्रोग्राम गलत तरीके से सिस्टम कंट्रोल न ले सके। साथ ही, Ubuntu के रिपॉजिटरी में ClamAV नाम का एक फ्री ओपन-सोर्स एंटीवायरस भी उपलब्ध है, जिसे यूजर्स चाहें तो एक्टिव कर सकते हैं। यह ईमेल स्कैनिंग, वायरस डिटेक्शन और मालवेयर रिमूवल जैसे काम करता है।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics