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ईरान के सुप्रीम लीडर की हत्या करना चाहता था इस्राइल: कैसे बचे खामनेई, क्यों ढूंढ नहीं पाई मोसाद; कहां छिपे?

ईरान के सुप्रीम लीडर को मार गिराने की इस्राइल की मंशा को लेकर क्या नया खुलासा हुआ है? अयातुल्ला खामनेई इस्राइल की तरफ से निशाना बनाए जाने से कैसे बचे रहे? क्यों मोसाद और इस्राइली रक्षा बल भी उन्हें ढूंढने में सफल नहीं हुए? इसके अलावा खामनेई के छिपे होने पर क्या-क्या जानकारियां सामने आई हैं? आइये जानते हैं...

इस्राइल और ईरान के बीच 12 दिन तक चले संघर्ष में दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस्राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के साथ उसके वैज्ञानिकों और कई सैन्य प्रमुखों को निशाना बनाया। इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा। दूसरी तरफ ईरान ने पलटवार करते हुए इस्राइल के प्रमुख शहरों पर हमले किए, जिससे तेल अवीव से लेकर यरुशलम तक भारी तबाही हुई।

इस्राइल की तरफ से जब ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत हमलों की शुरुआत हुई तब इसके पीछे ईरान की तरफ से उभर रहे परमाणु और मिसाइल हमलों के खतरे को वजह बताया गया था। बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इस्राइल का अभियान इस्राइली नागरिकों पर पैदा हो रहे खतरों को जड़ से खत्म करने का था। हालांकि, इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि नेतन्याहू युद्ध के दौरान ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई को निशाना बनाने के पक्ष में थे। लेकिन उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से इस योजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं मिली। तब नेतन्याहू ने इन रिपोर्ट्स की पुष्टि नहीं की थी। हालांकि, अब इस्राइल के रक्षा मंत्री की तरफ से आए बयान ने इस्राइली सेना के अभियान के एक और मकसद का खुलासा किया है।
रान के सुप्रीम लीडर को मार गिराने की इस्राइल की मंशा को लेकर क्या नया खुलासा हुआ है? अयातुल्ला खामनेई इस्राइल की तरफ से निशाना बनाए जाने से कैसे बचे रहे? क्यों मोसाद और इस्राइली रक्षा बल भी उन्हें ढूंढने में सफल नहीं हुए? इसके अलावा खामनेई के छिपे होने पर क्या-क्या जानकारियां सामने आई हैं? आइये जानते हैं…

ईरान में इस्राइल के अभियान के किस नए मकसद का हुआ खुलासा?
इस्राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने हाल ही में खुलासा किया है कि इस्राइल 12 दिन तक चले युद्ध के दौरान ईरान के सुप्रीम लीडर को जान से मारने की तैयारी में था। हालांकि, उसे मौका नहीं मिल पाया। काट्स ने गुरुवार को इस्राइली मीडिया चैनल- चैनल 13 को दिए साक्षात्कार में पूरी योजना का खुलासा किया। उन्होंने कहा, “हम खामनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन हमें अभियानगत मौका नहीं मिल पाया।”

एक और मीडिया समूह से बातचीत में काट्ज ने कहा, “ईरान के सुप्रीम लीडर की हत्या के लिए हमने उन्हें चिह्नित कर लिया था। लेकिन हम उन्हें ढूंढ नहीं पाए, क्योंकि वे कहीं गहरे भूमिगत बंकर में छिपे थे। उन्होंने अपने कमांडरों के साथ संचार भी बंद कर दिए थे।” इस बीच जब उनसे पूछा गया कि अमेरिका ने खामनेई की हत्या से जुड़े अभियान के लिए मंजूरी नहीं दी थी तो काट्ज ने दावा किया कि ऐसी किसी इजाजत की जरूरत ही नहीं थी।

काट्ज से जब पूछा गया कि क्या ईरान-इस्राइल के बीच संघर्ष विराम के बाद भी खामनेई को निशाना बनाया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि संघर्ष के समय और अब के समय में काफी अंतर है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान के सुप्रीम लीडर को लापरवाह नहीं होना चाहिए। उन्हें लेबनान में हिज्बुल्ला के कमांडर रहे हसन नसरल्लाह की हत्या से सीखना चाहिए, जो कि लंबे समय तक गहरे बंकर में छिपा रहा। खामनेई को भी वही करना चाहिए।

गौरतलब है कि यह पहली बार है जब इस्राइल ने खुलेआम कबूला हो कि वह ईरान के सुप्रीम लीडर को निशाना बनाने की तैयारी कर चुका था। 12 दिन तक चले युद्ध के दौरान इस्राइली सेना ने एक मौके पर यह भी कहा था कि यह युद्ध खामनेई की मौत के बाद ही रुकेगा, हालांकि उसकी तरफ से खामनेई की हत्या की कोई साजिश रचे जाने की बात नहीं कही गई थी।

खामनेई को क्यों नहीं ढूंढ पाया इस्राइल, कहां छिपे रहे?
इस्राइल की तरफ से ईरान के सुप्रीम लीडर के मारे जाने की साजिश का खुलासा होने के बाद से ही खामनेई की लोकेशन के बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। बताया जाता है कि खामनेई 13 जून के बाद से ही किसी भूमिगत बंकर में हैं। इस्राइल के हमले से पहले तक वे मध्य तेहरान में अपने गुप्त ठिकाने बेत रहबरी में मौजूद थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, खामनेई फिलहाल तेहरान के पूर्वोत्तर में स्थित शहर से दूर लाविजान में किसी बंकर में छिपे हैं। यहां उनके साथ उनके परिवार के भी छिपे होने का अनुमान है, जिनमें उनके संभावित उत्तराधिकारी मोजतबा खामनेई भी शामिल हैं। दावा किया जाता है कि यहां अयातुल्ला अली खामनेई ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) की एक टॉप-सीक्रेट इलीट यूनिट की सुरक्षा में रह रहे हैं। आईआरजीसी की यह इकाई कितनी गुप्त है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ईरान में पहले किसी को इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी।

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