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Gulf of Aden: अदन की खाड़ी में मिसाइल हमले से यमन के तट पर टैंकर में लगी आग, जहाज छोड़कर भागा चालक दल

यमन के तट के पास अदन की खाड़ी में शनिवार को कैमरून झंडे वाले टैंकर पर मिसाइल हमला हुआ, जिससे जहाज में आग लग गई। ब्रिटिश सैन्य एजेंसी ने पुष्टि की कि चालक दल उस समय ही जहाज छोड़ने की तैयारी कर रहा था।

यमन के तट के पास अदन की खाड़ी में शनिवार को एक बड़ा समुद्री हादसा हुआ। ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों के अनुसार, एक जहाज पर अज्ञात प्रक्षेपास्त्र से हमला हुआ, जिसके बाद उसमें आग लग गई। बताया जा रहा है कि जहाज का चालक दल उसे छोड़ने की तैयारी कर रहा था। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब यमन के हूती विद्रोही लाल सागर और अदन की खाड़ी में लगातार जहाजों पर हमले कर रहे हैं।

ब्रिटिश सेना के यूनाइटेड किंगडम मेरिटाइम ट्रेड ऑपरेशंस सेंटर (यूकेएमटीओ) ने इस हमले की पुष्टि की है। केंद्र ने बताया कि यह घटना अदन से लगभग 210 किलोमीटर पूर्व में हुई। एक जहाज पर अज्ञात प्रक्षेपास्त्र से हमला हुआ, जिससे उसमें आग लग गई। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हमले के पीछे कौन जिम्मेदार है।

जहाज और स्थिति की जानकारी
सुरक्षा एजेंसी एम्ब्रे ने बताया कि यह जहाज कैमरून के झंडे वाला एक टैंकर था, जो ओमान के सोहर बंदरगाह से जिबूती की ओर जा रहा था। एजेंसी ने यह भी जानकारी दी कि रेडियो संचार से संकेत मिले हैं कि चालक दल जहाज छोड़ने की तैयारी में था। इस बीच, राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है, क्योंकि जहाज में लगी आग तेजी से फैल रही है।
हूती विद्रोहियों का संदर्भ
अब तक हूती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पिछले कई महीनों से वे लगातार ऐसे हमले करते रहे हैं। हूती समूह ने इस्राइल-हमास युद्ध के दौरान भी कई अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे। उनका दावा रहा है कि वे इन हमलों के जरिए इस्राइल पर दबाव बनाना चाहते हैं ताकि वह फलस्तीन पर अपने हमले रोक दे।

हूती हमलों ने वैश्विक व्यापार को गहराई से प्रभावित किया है। लाल सागर से हर साल लगभग एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सामान की ढुलाई होती है, लेकिन इन हमलों के कारण शिपिंग कंपनियों ने मार्ग बदल दिए हैं। इस अभियान में अब तक कम से कम नौ नाविक मारे जा चुके हैं और चार जहाज डूब चुके हैं। हाल ही में हूती विद्रोहियों ने डच झंडे वाले जहाज मिनर्वाग्राख्ट पर हमला किया था, जिसमें एक नाविक की मौत हो गई थी।

बढ़ता तनाव और अंतरराष्ट्रीय चिंता
इस बीच, हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब को भी धमकी दी है और संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया है। विद्रोहियों का दावा है कि ये लोग जासूसी कर रहे थे, हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने इन आरोपों को सख्ती से खारिज किया है। अदन की खाड़ी में यह नया हमला न केवल यमन के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरे का संकेत है।

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