मुगल सम्राट अकबर के प्रिय कलाकार बसावन की तरफ से बनाए गए एक अनोखे लघु चित्र ने इतिहास रच दिया है। यह पेंटिंग ‘ए फैमिली ऑफ चीता इन ए रॉकी लैंडस्केप’ लंदन के क्रिस्टीज नीलामी में 10,245,000 पाउंड (करीब 119.49 करोड़ रुपये) में बिकी। यह अब तक की सबसे महंगी क्लासिकल भारतीय कलाकृति बन गई है। यह नीलामी 28 अक्तूबर को ‘एक्सेप्शनल पेंटिंग्स फ्रॉम द पर्सनल कलेक्शन ऑफ प्रिंस एंड प्रिंसेस सदरुद्दीन आगा खान’ शीर्षक से हुई थी। यह पेंटिंग अपने अनुमानित मूल्य से 14 गुना ज्यादा कीमत पर बिकी।
मुगल काल की प्रारंभिक और उत्कृष्ट पेंटिंग में से एक
यह कलाकृति लगभग 1575-80 ईस्वी के बीच की है और इसे मुगल काल की प्रारंभिक और उत्कृष्ट पेंटिंग्स में गिना जाता है। चित्र में एक चीतों का परिवार दिखाया गया है जो हरे-भरे मैदान में आराम कर रहा है। पास ही एक बहती हुई धारा और मुड़े-तुड़े तने वाला बड़ा पेड़ है जो उन्हें छांव देता है। नर चीता संतुष्ट भाव से देख रहा है जबकि मादा अपने बच्चों को दूध पिला रही है और एक शावक को साफ कर रही है।
क्रिस्टीज की इस नीलामी में 100% कलाकृतियां बिकीं
क्रिस्टीज की इस नीलामी में कुल 95 पेंटिंग्स थीं, जिनमें भारतीय, फारसी और ऑटोमन कलाकारों के कार्य शामिल थे। इनमें दुस्त मुहम्मद, बसावन, गुलाम अली खान, बिशन सिंह, रेजा अब्बासी और लेवनी जैसे प्रसिद्ध कलाकारों की कृतियां थीं। क्रिस्टीज की इस नीलामी में 100 प्रतिशत कलाकृतियां बिकीं और कुल बिक्री 45.76 मिलियन पाउंड (लगभग 533.79 करोड़ रुपये) तक पहुंची। इसमें 20 देशों के खरीदारों ने हिस्सा लिया।
 
क्रिस्टीज में ये भी पेंटिंग्स की हुई बिक्री
वहीं अन्य प्रमुख पेंटिंग्स की बिक्री की बात करें तो इसमें ‘महाराव उम्मेद सिंह और जालिम सिंह टाइगर हंटिंग’, 1781 ई., 58.94 करोड़ रुपये में बिकी। वहीं ‘ए प्रिंस हॉकिंग’, लगभग 1610 ई., 46.12 करोड़ रुपये में बिकी। जबकि दुस्त मुहम्मद की 16वीं सदी की ‘शाह अबुल मआली ऑफ काशगर’ की पेंटिंग 31.89 करोड़ रुपये में बिकी।
 
                        
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